महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री और कद्दावर भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे ने एक दिन की भूख हड़ताल करने की घोषणा की है। मुंडे की इस घोषणा के बाद जहां महाराष्ट्र भाजपा में हलचल बढ़ है, वहीं सियासी हलकों में इस सांकेतिक भूख हड़ताल के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
नई दुनिया पर छपी खबर के अनुसार, इसी बीच पंकजा मुंडे ने साफ किया है कि उनका यह प्रदर्शन पार्टी के या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। पंकजा मुंडे ने कहा कि ‘मैं औरंगाबाद में एक दिन की भूख हड़ताल करुंगी।
यह सांकेतिक भूख हड़ताल रहेगी जो लीडरशिप का ध्यान मराठवाड़ा के मुद्दे पर आकर्षित करने के लिए होगी।’ पंकजा 27 जनवरी 2020 को औरंगाबाद में भूख हड़ताल करने जा रही हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही पंकजा मुंडे का रुख सूबे की सियासत को लेकर बदला हुआ है। इसी बीच उनके भाजपा छोड़ने की सुगबुगाहट भी तेज होने लगी थी।
इसे लेकर पंकजा ने अपना स्टैंड साफ किया है। पंकजा ने कहा कि वह पार्टी को नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने औरंगाबाद में भूख हड़ताल करने की बात भी कही।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया था। लेकिन सूबे में कुर्सी की लड़ाई इस कदर छिड़ी की दोनों दलों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई और शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। भाजपा के हाथ से सत्ता जाते ही पार्टी के भीतर से विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं।