आज पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी (दशहरा) धूमधाम से मनाया जा रहा है। शाम को रावण के पुतले का दहन होने के साथ मेले आयोजित किए जाएंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दशहरा की बधाई दी है। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि मेरी कामना है कि यह त्योहार देश के लोगों के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए।
पीएम ने लिखा, विजयादशमी के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का स्थापना दिवस भी है।
#Breaking #Live | RSS Chief @DrMohanBhagwat addresses the cadre at the mega Vijayadashami celebration currently underway at Nagpur.
‘Democracy is integral to India’, says Dr. Mohan Bhagwat. Listen in. pic.twitter.com/xO3FBjECBe
— TIMES NOW (@TimesNow) October 8, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इस मौके पर कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल वीके सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी नागपुर पहुंचे। आरएसएस की ओर से पथ संचलन किया गया।
भागवत ने शस्त्र पूजन किया और संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भागवत ने मोदी सरकार की करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से देश में बहुत कुछ अच्छा चल रहा है। सरकार ने कई कदम उठाए. सरकार के पास कठोर निर्णय लेने की क्षमता है।
#NewsAlert – Vigilance along the border is better than before. Acts of terrorism within the country have also reduced: RSS Chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/w2T19q1aZ1
— News18 (@CNNnews18) October 8, 2019
हमारा देश पहले से ज्यादा सुरक्षित है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना बड़ा कदम है। चंद्रयान-2 ने विश्व में भारत का मान बढ़ाया है।
मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि कानून व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है।
यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा में रहें। न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा।
इससे पहले कार्यक्रम में एचसीएल के चेयरमैन शिव नादर ने संबोधित करते हुए कहा कि देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन अकेले सरकार सारी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है।
निजी क्षेत्र, नागरिकों, एनजीओ को भी इन चुनौतियों से पार पाने में अपना योगदान देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन डॉ. केशव हेडगेवार ने की थी।