सबरीमाला तिरुवनंतपुरम। श्रीलंका की 50 साल से कम उम्र की एक महिला शुक्रवार को यहां अयप्पा मंदिर में प्रवेश पाने में सफल रही। उधर राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं जारी हैं।
इससे एक दिन पहले भाजपा-आरएसएस तथा दक्षिणपंथी संगठनों की सत्तारुढ़ माकपा के साथ झड़पें हुई थीं। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी से रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं बिंदू (42) और कनकदुर्गा (44) के 2 जनवरी को प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने तथा इसका शुद्धिकरण करने के उनके निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि 47 वर्ष की श्रीलंकाई महिला शशिकला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की। दरअसल इस महिला ने दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था और वह पूजा नहीं कर पाई।
पुलिस ने बाद में शशिकला और उनके पति सर्वणन के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए। हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिए ‘पदीनेट्टमपदी’ (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी।
तिरुवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र करेत्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयन ने भाजपा और आरएसएस का उपहास किया और पूछा कि एक और महिला के सबरीमाला मंदिर में पूजा करने के बाद उन्होंने हड़ताल का आह्वान क्यों नहीं किया।
विजयन ने संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य की शांति एवं एकता को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। केरल में हिंसा की घटनाएं शुक्रवार को भी जारी रहीं और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर देसी बम तथा पत्थर फेंके।
पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के. शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गए। उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गए।
पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1718 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 1108 मामले दर्ज किए गए हैं। बृहस्पतिवार को हिन्दू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि इस वक्त 1009 लोग एहतियातन हिरासत में हैं। पुलिस ने कहा कि 132 पुलिसकर्मियों और 10 मीडियाकर्मियों सहित 174 लोग हिेंसा में घायल हुए हैं।
इस बीच शुक्रवार सुबह करीब छ: बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया। उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आई थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिए और ‘इरुमुदीकेट्टू’के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं। चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में काली साड़ी पहनकर सबरीमाला में पूजा की थी।