अमृतसर । दशहरा पर गुरुनगरी अमृतसर में बेहद दर्दनाक हादसा हो गया और दो ट्रेनों की चपेट में आने से 60 से अधिक लोग मारे गए। सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मारे गए लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यहां जोडा रेलवे फाटक के पास आयोजित दशहरा कार्यक्रम के दौरान रावण का जलता हुआ पुतला नीचे गिरने लगा।
इससे वहां भगदड़ मच गई आैर लोग बचने के लिए पीछे रेलवे लाइन की ओर भागे। इसी दौरान लोग अमृतसर-हावड़ा मेल की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई। जब तक लोग संभलते साथ लगते ट्रैक पर भी तेज रफ्तार जालंधर-अमृतसर डीएमयू आ गई और इसे कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।
हादसे के बाद वहां कोहराम और चीख-पुकार मच गई। घटनास्थल का दृश्य बेहद मर्माहत व दिल को दहला देने वाला था। हादसे के शिकार हुए लोगों में किसी का सिर धड़ से अलग हाे गया तो किसी के हाथ-पैर कट गए। रेलवे ट्रैक पर लाशें बिखरी पड़ी थीं। घायलों को सिविल अस्पताल व अन्य अस्पतालों में दाखिल कराया गया है।
इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हादसे पर दुख जताया है। उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपना इजराइल दौरा रद करते हुए दिल्ली से कल सुबह अमृतसर पहुंचेंगे। कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया गया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि वह स्वयं मौके पर जा रहे हैं। वह मौके पर जाने के बाद ही हादसे के बारे में ज्यादा कुछ बता पाएंगे।
रावण के पुतले से चिंगारियां निकलने के कारण वहां अफरातफरी मच गई। जलते पुतले से बचने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई। लोग बचने के लिए रेलवे ट्रैक की तरफ भागे, लेकिन इसी दौरान सामने से एक ट्रेन आ गई। लोग कुछ कर पाते उससे पहले ही पटरी पर चढ़े लोगाें काे रौंदती हुई ट्रेन आगे निकल गई। इसके बाद तो वहां कोहराम मच गया। पटरी और इसके आसपास क्षत-विक्षत शव पड़े थे।किसी का सिर कट धड़ से अलग हो गया था तो किसी के हाथ और किसी का पैर शरीर से अलग हो गया था। इसके बाद चारों तरफ चीख-पुकार और कोहराम मच गया।
हादसे में 60 से अधिक लोगाें की मौत हुई है। यह संख्या बढ़ सकती है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और उनको विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल और अस्पतालों में मारे गए लोगों और घायलाें के परिजनों की चीख-पुकार दिल का दहला रही है। हादसे के बाद लोग अपनों की तलाशी में जुट गए। मरने वालों में कई बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और राहत व बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया।
अस्तपाल में उपचाराधीन घायल।
हादसे के बाद मौके पर करुण क्रंदन मच गया। लोग अपनों की सुरक्षित तलाशी में जुट गए। हादसे में मरने वालों में कई बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं।
अभी कुल कितने लोगों की मौत हुई है इसका पता नहीं चल पाया है। हालांकि पुलिस ने 50-60 से अधिक लोगों के मरने की आशंका जताई है। प्रशासनिक अमला राहत एवं बचाव कार्य में जुटा है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रेलवे की पीआरओ का कहना है कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। रेलवे रिलीफ ट्रेन भी मौके पर पहुंच चुकी है। रेलवे का कहना है कि हादसे के वक्त फाटक बंद था। हादसा फाटक से कुछ दूरी पर हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रेलवे ट्रेक के इर्द-गिर्द लोगों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। रावण दहन के साथ ही ट्रेन आ गई, लेकिन हल्ले के कारण लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी। भगदड़ में लोग ट्रेक की ओर भाग गए जिससे हादसा हुआ। लोगों ने ट्रेक के निकट एेसे कार्यक्रम करने पर रोष जताया।
हेल्पलाइन नंबर जारी
रेलवे ने घायलों व मृतकों के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है।
मानावाला स्टेशन हेल्पलाइन नंबर रेलवे -73325, बीएसएनएल – 0183-2440024
पॉवर केबिन अमृतसर रेलवे – 72820, बीएसएनएल – 0183-2402927
विजय सहोता, एसएसई: 79 86897301
विजय पटेल, एसएसई: 7 9 73657316
पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव व एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर को तत्काल अमृतसर पहुंचने के आदेश दिए हैं। उन्होंने मारे गए लोगों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
मृतकों के परिजनों ने किया सांसद का विरोध
घायलों का हालचाल जानने पहुंचे सांसद।
इस बीच, गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल घायलों का हालचाल जानने सांसद गुरजीत सिंह औजला पहुंचे, लेकिन मृतकों के पारिजनों के आक्रोश के कारण सांसद को वहां से जाना पड़ा।
सरकार व प्रशासन की लापरवाही: सुखबीर
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि यह हादसा सरकार और प्रशासन की लापरवाही से हुआ है। ट्रैक के इतने नजदीक रावण दहन की अनुमति कैसे दी गई। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पीएम और राष्ट्रपति ने जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर में हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि यह घटना बहुत ही हृदयविदारक है। उन्होंने पीडि़त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह तुरंत मौके पर पहुंच बचाव व राहत कार्य में जुट जाएं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर पीडि़त परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
जानकारी के मुताबिक रावण के पुतले में आग लगते ही वहां जमा भीड़ भाग खड़ी हुई और लोग ट्रैक पर आ गए. इसी दौरान पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन ट्रैक पर आए लोगों को काटती चली गई. चश्मदीदों के मुताबिक चारों तरह क्षत-विक्षत शव नजर आ रहे हैं और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. फिलहाल मौके पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और एंबुलेंस पहुंच गई हैं, राहत और बचाव का काम किया जा रहा.
रावण पुतला दहन गेट से 70-80 मीटर दूर था. जब पुतला गिरा तो वहां मौजूद लोगों ने रेलवे ट्रैक की तरफ दौड़ना शुरू कर दिया. ट्रेन जब वहां से गुजर रही थी तो लेवल क्रॉसिंग बंद थी. जानकारी के मुताबिक, इसमें 30-35 लोगों की मौत हो गई है: रेलवे
नवजोत कौर सिद्धू ने कहा ‘रावण दहन हो चुका था और जब यह हादसा हुआ तो मैं वहां से निकल चुकी थी. हमारी प्राथमिकता घायलों का इलाज है. यहां हर साल दशहरे का कार्यक्रम होता है. जो भी लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए.’
भारतीय रेलवे की ADG PR ने कहा ‘यह बहुत दुखद हादसा है. हमें घटना में मारे गए लोगों की पक्की संख्या नहीं पता है. दुर्घटना राहत ट्रेन मौके पर पहुंच गई है. रेल राज्य मंत्री भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.’