लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने आवास पर मानसरोवर यात्रा से लौटे 89 श्रद्धालुओं को 50 हजार और सिंधु दर्शन यात्रा पूर्ण करने वाले 74 श्रद्धालुओं को 10 हजार की अनुदान राशि वितरित की। इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि संत और तीर्थयात्रियों का आशीर्वाद मिल जाए, तो सारी परेशानियां और कठिनाइयां दूर हो सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन यात्राओं के मार्ग दुर्गम हैं। यात्रा पर गए लोगों को काफी कठिनाइयां पेश आयी होंगी। लेह-लद्दाख और कैलाश मानसरोवर के इलाके प्राकृतिक रूप से काफी अलग हैं। लेह-लद्दाख का क्षेत्र जहां एक कोल्ड डेजर्ट की तरह हैं, वहीं कैलाश मानसरोवर का क्षेत्र हरियाली से भरा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यात्रा से लौटे यात्री यात्रा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगे। यात्राएं आपसी समझ, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देती हैं। अपने देश में तीर्थ यात्राओं की प्राचीन परम्परा रही है। महान लोगों ने बड़ी-बड़ी यात्राएं की हैं। गुरु नानक 24 वर्ष तक यात्राएं करते रहे। बौद्ध धर्म के लोगों ने लम्बी यात्राएं की। यात्री समाज के लिए बड़ा संदेश लाते हैं, जिससे समाज को काफी लाभ होता है।
अपने सरकारी आवास पर कैलाश मानसरोवर एवं सिन्धु दर्शन यात्रा के यात्रियों को अनुदान वितरण समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म और राजनीति कभी-कभी एक साथ चलती है। उस समय पता नहीं लगता कि आप धर्म के रास्ते पर जा रहे हैं या फिर राजनीति के रास्ते पर। वहीं अगर इसमें थोड़ा भी इधर का उधर हो गया तो उसका परिणाम ही कुछ और होता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अयोध्या में लगभग 15 करोड़ की लागत से भजन संध्या स्थल का शिलान्यास भी किया, जिसमें 5 हजार लोग बैठकर भजन-कीर्तन कर सकेगें। इस दौरान अखिलेश ने कहा कि अगर संतो और भक्तों दोनों का आशीर्वाद समाजवादी पार्टी को मिल गया तो पार्टी को दोबारा सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकेगा। इस मौके पर अयोध्या से आए संतो और महात्माओं ने भी अखिलेश की जमकर तारीफ की। हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञानदास ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में दो मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिनकी हमने कभी बुराई नहीं सुनी। एक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एक यूपी के अखिलेश यादव। महंत ने कहा कि लोग कहते हैं कि राम मंदिर नहीं बन रहा है, लेकिन जब भगवान की इच्छा होगी, तो उसे बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।
कार्यक्रम को धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विजय कुमार मिश्र, अयोध्या के सन्त ज्ञानदास जी महाराज, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन, उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी के उपाध्यक्ष अमृत राजपाल, मानसरोवर सेवा समिति के अध्यक्ष उदय कौशिक ने भी सम्बोधित किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सिन्धी अकादमी की वार्षिक पत्रिका ‘उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी के बढ़ते कदम’ का विमोचन भी किया। इससे पूर्व, उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी द्वारा मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाकर तथा कैलाश मानसरोवर यात्रियों की ओर से यादव का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया।