लखनऊ। समाजवादी चिंतक व छोटे लोहिया के नाम से चर्चित जनेश्वर मिश्र का जन्म दिवस समाजवादी पार्टी ने धूमधाम से मनाया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जनेश्वर मिश्र पार्क में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
जनेश्वर मिश्र के 84वें जन्मदिवस पर गोमतीनगर में उनके नाम पर बने पार्क में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में एक बार फिर मुलायम सिंह पूरे रौ में दिखे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन पर कब्जा करना बंद कर दो, अपनी कमियां दूर करो। अगर पैसा ही कमाना है तो रोजगार कर लो। राजनीति करना सबसे कठिन काम है। राजनीति में आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। मुलायम ने कहा कि मंत्री व अफसर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं। उनकी जायज बातों को भी नहीं सुना जा रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जानबूझकर व्यस्त रखा जा रहा है, ताकि उन तक सच्चाई न पहुंच सके। उन्होंने कहा कि नौजवानों की उपेक्षा हो रही है। उन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है। अखिलेश से कहने के बाद भी नौजवानों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नहीं किया गया। शिविर नहीं लगेगा तो उन्हें कैसे पता चलेगा समाजवाद क्या है। नौजवानों व महिलाओं के बीच जाकर उन्हें पार्टी की नीतियां बताने की जरूरत है। मुलायम सिंह ने कहा कि महिलाओं व नौजवानों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। देश में महिला मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रही हैं और वे चारों कामयाब हैं। इसलिए पार्टी में महिलाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्हें पीछे करके राजनीति नहीं कर सकते। पढ़ी-लिखी महिलाओं को छांटो और उन्हें टिकट दो। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी जनेश्वर मिश्र के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। राज्यपाल ने कहा कि जनेश्वर मिश्र जैसे नेता कम ही होते हैं।
मुलायम सिंह ने समाजवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को फिर समझाया कि हम दिल्ली में रहते हैं, मगर हमें सब खबर है। हम कुछ कहते हैं तो मुख्यमंत्री नाराज हो जाते हैं। उन्होंने पंडाल में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं-विधायकों से कहा कि जीतने वालों को टिकट देंगे, ऐसे-वैसों को नहीं। इसलिए पार्टी कार्यकर्ता जीतने वालों का समर्थन करें और अच्छे उम्मीदवार उतारने की पैरवी करें। उन्होंने कहा कि परिवार के पांच लोगों ने लोकसभा का चुनाव जीता इसके लिए जनता को हम दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव तक पहुंच चुके हैं और हमें पता ही नहीं। यूपी विधानसभा चुनाव में दो पार्टियां पहले से लगी थीं, अब तीसरी पार्टी कांग्रेस की लीडर सोनिया गांधी भी निकल पड़ी हैं। मगर हमारे विधायकों को पता ही नहीं क्या हो रहा है। वह सचिवालय में बैठकर सरकार चला रहे हैं। हमारे अधिकतर विधायकों को यह भी पता नहीं कि उनकी सरकार ने जनता की बेहतरी के लिए कौन-कौन सी योजनाएं शुरू की हैं।
शुरु से ही समाजवादा का झंडा थामे रहे जनेश्वर
प्रख्यात समाजवादी विचारक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र पांच अगस्त 1933 को बलिया के सुभनभही गांव में जन्मे थे। वह 1953 में इलाहाबाद में पढ़ाई करने आए और डा. राममनोहर लोहिया के संपर्क में आने के बाद समाजवादी रंग में ही रंग गए।
वह 1969 में पहली बार सांसद बने और 1977 में वह केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री बनाए गए। 1989 में वह संचार राज्यमंत्री रहे। 1994 में वह राज्यसभा सदस्य बने और 1996 में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया।
परिवार में उनकी दो बेटियां मीना मिश्रा व शांति मिश्रा हैं। मीना तिवारी वर्तमान में प्रदेश की महिला कल्याण विभाग की सलाहकार हैं। वह पिता को मिले सम्मान से संतुष्ट हैं। कहती हैं कि प्रदेश सरकार ने छोटे लोहिया के सम्मान में जनेश्वर मिश्र ग्राम्य विकास योजना और जनेश्वर मिश्रा हथकरघा योजना शुरू की है। उनके नाम से लखनऊ में विशाल पार्क भी बनाया गया है। इलाहाबाद में उनके नाम से एक पुस्तकालय बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं।