तबरीज। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने तेहरान के साथ नए परमाणु समझौते की मांग के औचित्य पर बुधवार को सवाल उठाया। उनका यह बयान अमेरिका और फ्रांस के नेताओं के ‘नए’ करार की बात करने के बाद आया है। रूहानी ने अपने भाषण में कहा कि यूरोपीय देश के एक नेता के साथ वो कहते हैं : 7 पक्षों के साथ हुए समझौते पर हम फैसला करना चाहते हैं।
किसलिए? किस अधिकार से? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए विश्व शक्तियों के बीच तीन साल पहले हुए समझौते की आलोचना की थी और समझौते से अमेरिका के अलग होने की धमकी दी थी। ट्रंप की निगाहें व्यापक समझौते पर है जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के साथ-साथ पश्चिम एशिया में सशस्त्र समूहों के लिये उसके समर्थन को सीमित करता हो।
उल्लेखनीय है कि 2015 के करार पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देश उसे बचाना पाना चाहते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को ट्रंप से बातचीत के बाद कहा था , ‘‘ अब ईरान के साथ नए करार के लिये काम करना है। ईरान ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह परमाणु करार पर कायम है और वह अपने मिसाइल कार्यक्रम पर बातचीत नहीं करेगा। रूहानी ने ट्रंप पर निशाना साधा और कहा कि उनके पास अनुभव की कमी है।
ट्रंप अतीत में रियल एस्टेट कारोबारी और टेलीविजन प्रस्तोता रह चुके हैं। रूहानी ने कहा कि आप महज व्यापारी हैं — आपको राजनीति या कानून या अंतरराष्ट्रीय समझौतों का अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों पर वह कैसे फैसला सुना सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु समझौते पर सहमत होकर 2015 में तेहरान ने दुनिया को सद्भावना दिखाई। उन्होंने कहा कि हम दुनिया को साबित करना चाहते थे कि ईरान जनसंहारक हथियार नहीं हासिल करना चाहता है।