नई दिल्ली, एयरफोर्स का एक विमान सुखोई-30 एयरक्राफ्ट का संपर्क रडार से टूट जाने के बाद उसकी तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. यह एयरक्राफ्ट असम के तेजपुर से नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था. तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर में जब ये विमान था तभी रडार से इसका संपर्क टूट गया. विमान का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
रूस से खरीदा गया सुखोई विमान वायुसेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों में से हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सात साल में 7 सुखोई विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं. करीब 358 करोड़ रुपए की लागत वाला यह विमान 4.5 जेनरेशन का विमान है और इस समय दुनिया के श्रेष्ठ लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शामिल है.
दो-इंजन वाले सुखोई-30 एयरक्राफ्ट का निर्माण रूसी की कंपनी सुखोई एविएशन कॉरपोरेशन ने किया है. भारत की रक्षा जरूरतों के लिहाज से सुखोई विमान काफी अहम है. यह सभी मौसमों में उड़ान भर सकता है. हवा से हवा में, हवा से सतह पर मार करने में सक्षम है.