वाशिंगटन : हवाई के एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध पर रोक लगाने वाले अपने आदेश को विस्तार देने का फैसला किया है। Trump
अमेरिकी जिला जज डेरिक वॉटसन ने दलीलें सुनने के कुछ ही घंटे बाद प्रतिबंध पर लंबे समय तक रोक का आदेश जारी किया।
हवाई राज्य का कहना है कि यह नीति मुस्लिमों के खिलाफ है और राज्य की उस अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाती है, जो पर्यटकों पर निर्भर है।
अटॉर्नी जनरल डगलस चिन ने न्यायाधीश से कहा कि संशोधित प्रतिबंध में छिपा संदेश एक ऐसे चमकने वाले संकेतक की तरह है, जो बार-बार ‘मुस्लिम प्रतिबंध, मुस्लिम प्रतिबंध’ दिखा रहा है और सरकार ने इस संकेतक को बंद करना भी जरूरी नहीं समझा।
राज्य ने कहा है कि राज्य के मुकदमे के निपटारे तक अस्थायी आदेश की अवधि को विस्तार देने से यह सुनिश्चित होगा कि पिछले दो माह के उतार-चढ़ाव के बाद अमेरिका में मुस्लिम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर आंच न आए।
न्याय मंत्रालय के अटॉर्नी चाड रीडलर ने फोन पर न्यायाधीश को बताया कि सरकार का कहना है कि प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत करने के राष्ट्रपति के अधिकार में आता है। हवाई ने इस प्रतिबंध से छात्रों और पर्यटन पर पड़ने वाले असर से जुड़ी आम चिंताओं को ही व्यक्त किया है।
बता दें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी शरणार्थियों और छह प्रमुख तौर पर मुस्लिम बहुल देशों के लोगों की अमेरिका में आने से प्रतिबंध लगा दिया था।
जिसके बाद याचिका दायर की गई थी। हवाई के एक संघीय जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संशोधित यात्रा प्रतिबंध के प्रभावी होने से महज कुछ ही घंटे पहले इसपर रोक लगा थी।
अमेरिकी जिला जज डेरिक वाटसन ने फैसला सुनाया कि हवाई राज्य ने ट्रंप के शासकीय आदेश को कानूनी तौर पर दी गई चुनौती के संदर्भ में इस बात को मजबूती से स्थापित किया था कि यदि इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाया जाता है तो इससे ‘‘अपूर्णनीय क्षति’’ होगी।
अमेरिकी अदालत के इस फैसले में कहा गया कि, ‘‘यह अदालत इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार करती है। स्थगन की स्थिति में इस आदेश पर आपात अपील दायर की जानी चाहिए।’’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चरमपंथियों को अमेरिका में दाखिल होने से रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंध जरूरी है।