लन्दन : जो मैलोन, एक ऐसा नाम जो पूरी दुनिया के लिए आज एक पहेली बना हुआ है। इनके पास एक ऐसी खासियत है जो शायद ही किसी और के पास हो। जो मैलोन नाम की इस महिला की खासियत है उसकी सूंघने की शक्ति। Millionaire
ये किसी भी व्यक्ति को सिर्फ सूंघकर ही बता देती हैं कि उसे कैंसर है या नहीं। आपको बता दें कि जो एक करोड़ पति बिजनेस वुमेन भी हैं।
इनका इत्र का विशाल कारोबार है। अपनी सूंघने की ताकत से ही इन्होंने इत्र के अपने कारोबार को इतनी उंचाइयों तक पहुंचाया है।
जो मैलोन साल 2003 में ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ गई थीं। तब से लेकर आज तक वह इस खतरनाक बीमारी से जूझ रही हैं। आज ये किसी के भी शरीर में होने वाले रासायनिक परिवर्तन का पता लगाकर और उसे सूंघकर बता सकती हैं कि उसे कैंसर है या नहीं।
जो मैलोन को अपनी इस काबिलियत के बारे में तब पता चला जब एक परिक्षण के दौरान उन्होंने तेल में मिले अमील एसीटेट की पहचान भी कर ली, जबकि वह दस लाख में एक हिस्से के बराबर की मात्रा में मिला हुआ था। जो के अनुसार इस वाकये ने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी।
मैलोन की सफलता इस तथ्य के लिए काफी मायने रखती है कि वह सिनास्टेसिया से ग्रस्त हैं। यह एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसमें इंद्रियां एक दूसरे के साथ ओवरलैप होती हैं। आसान शब्दों में कहा जाए तो वह ध्वनि और रंग की व्याख्या गंध की तरह करती हैं।
उदाहरण के लिए जब वह सफेद और बैंगनी रंग देखती हैं, तो यूकेलिप्टस और ब्लैककरंट की गंध महसूस होती है। जब वह जैज संगीत को सुनती हैं, तो उसकी व्याख्या खुशबू के रूप में करती हैं। जो के अनुसार वो इसे इसे शारीरिक रूप से नहीं महसूस करती हैं, बल्कि यह उनकी कल्पना के माध्यम से व्यक्त होता है।
जो मैलोन एक कौंसिल हाउस में पली-बढ़ी डिस्लेक्सिक हैं। मां को स्ट्रोक पड़ने के बाद 13 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था।
लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर 1983 में उन्होंने अपनी कंपनी, जो मेलोन लंदन की स्थापना की। 16 सालों तक इसे बुलंदियों पर पहुंचाने के बाद साल 1999 में उसने एस्टी लाउडर को बेच दिया। आज भी जो मैलोन इत्र, मोमबत्तियों और बाथ ऑयल को खुशबूदार दुनिया की बड़ी हस्ती को तौर पर गिनी जाती हैं।