मुंबई: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से यह सपष्ट निर्देश राज्य के कांग्रेसी नेताओं को आया है कि वह शिवसेना-बीजेपी के झगड़े से खुद को दूर रखें। Congress
राहुल ने पार्टी नेताओं से कहा कि मुंबई की जनता ने महानगरपलिका में जो जनादेश दिया है उसके मुताबिक बीएमसी में एक स्थिर और सुचारू सरकार देना शिवसेना-बीजेपी की संवैधानिक जिम्मेदारी है। कांग्रेस को इस झगड़े से दूर रहकर विपक्ष की अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
दरअसल इस मामले की शुरुआत हुई कांग्रेस के विधायक अब्दुल सत्तार के बयान से। सबसे पहले सत्तार ने बयान दिया कि कांग्रेस का मुख्य शत्रु बीजेपी है और उसे रोकने के लिए कांग्रेस को शिवसेना का साथ देना चाहिए।
हालांकि उनका यह बयान स्थानीय स्तर पर गठजोड़ को लेकर था। इसके बाद मुंबई और महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण से भी इस बयान को जोड़ा गया।
लेकिन मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने तुरंत ही इस संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कुछ नेताओं ने पार्टी से संपर्क किया है, लेकिन कांग्रेस किसी भी कीमत पर शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी।
निरुपम ने एनबीटी से कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का यह स्पष्ट निर्देश है कि जनता ने कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, इसलिए पार्टी मुंबई महानगरपालिका में विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि इतने स्पष्ट निर्देश के बाद किसी संभ्रम की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। उन्होंने कहा कि मुंबई कांग्रेस के ज्यादातर नवनिर्वाचित विधायकों की राय भी पार्टी हाईकमान की राय के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी।