अमृतसर : पंजाब में अमरिंदर सिंह का कैंपेन तैयार करने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को बताया है कि पार्टी राज्य में 68-70 सीट जीत सकती है। Prashant
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी उम्मीद है कि पार्टी 60 से ऊपर सीट जीतेगी, लेकिन शनिवार को मालवा क्षेत्र में हुई भारी वोटिंग ने कई कांग्रेस नेताओं के माथे पर शिकन ला दी है।
कहा जा रहा है कि मालवा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत है। मालवा में 117 सदस्ययी विधानसभा की 69 सीटें हैं।
रविवार को कैप्टन अमरिंदर ने प्रशांत किशोर, उनकी टीम और बाकी लोगों के लिए चंडीगढ़ के एक फाइव स्टार होटल में लंच रखा था। लेकिन इस पार्टी में प्रशांत मौजूद नहीं थे।
दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल (बादल) के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा से अकाली दल और उसकी सहयोगी पार्टी बीजेपी को जो सहयोग मिला है, उसका उलटा असर पड़ सकता है।
उनका कहना है कि पार्टी का असली वोट बैंक (पंथक), जो बेअदबी के मुद्दे को लेकर नाराज है, वह डेरा के करीब आने से अलग-थलग हो सकता है।
आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा के लिए 5 फरवरी को वोट डाले गए थे। राज्य की 117 विधानसभा सीटों पर शनिवार को करीब 70 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।
दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा किया था। अजय माकन ने ट्विटर पर एक चार्ट शेयर किया था, जिसमें ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर अकाली और बीजेपी गठबंधन, कांग्रेस, और आम आदमी पार्टी को सीटें दी गई थीं।
माकन की इस पोस्ट के हिसाब से कांग्रेस पंजाब में 67 सीटें, आप 40 सीटें, और अकाली और बीजेपी को 10 सीटें मिल सकती हैं। पंजाब चुनाव में असली नतीजें क्या रहेंगे इसके लिए 11 मार्च तक का इंतजार करना पड़ेगा।
वोट प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो पंजाब में इस बार भी कुछ अलग नजर नहीं आया। साल 2007 के विधानसभा चुनावों में 76 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि साल 2012 और 2017 के विधानसभा का वोट प्रतिशत भी 79 प्रतिशत ही रहा है।
2009 के लोकसभा चुनावों में यहां से 70 फीसदी वोट लोगों ने डाले थे, वहीं 2014 में भी वोट प्रतिशत मात्र 1 फीसदी बढ़कर 71 फीसदी हुआ।
2012 में जहां 78.50 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाले थे, वहीं इस बार यह 78.09 प्रतिशत रहा। दूसरी ओर 2012 में महिलाओं ने 79.20 प्रतिशत वोटिंग की थी, जबकि इस बार 79.10 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले।