अमृतसर : पंजाब में चुनावी बिसात सज चुकी है. प्रचार के मैदान में शोर थम चुका है और अब नेताओं के साथ वोटरों को इंतजार 4 फरवरी का है जब यहां की जनता अपना सियासी नसीब तय करने पोलिंग बूथों तक जाएगी. Punjab
ईवीएम के पिटारे में किसके लिए निकलेगी अच्छी खबर और किसे चखना होगा हार का स्वाद, इसका फैसला 11 मार्च को होगा.
4 फरवरी को 1.98 करोड़ वोटर विधानसभा की 117 सीटों पर अपने नुमाइंदे चुनेंगे.
इसके अलावा अमृतसर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव भी इसी रोज होगा. विधानसभा की कुल सीटों में से 83 जनरल जबकि 34 रिजर्व श्रेणी में हैं.
इस बार कुल 1,145 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनाव आयोग ने राज्य भर में कुल 22,615 पोलिंग बूथ बनाए हैं. पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगी. करीब 22 हजार सरकारी कर्मचारी वोटिंग के इंतजामों के लिए लगाए गए हैं.
‘उड़ते पंजाब’ की तोहमत को राज्य की सियासी पार्टियां एक दाग की तरह देख रही हैं. लिहाजा ड्रग्स का मुद्दा इन चुनावों में सबसे अहम मसला बनकर उभरा है.
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में छह महीने के भीतर ड्रग्स के शिकार लोगों के पुनर्वास का वादा किया है. पार्टी का दावा है कि वो 15 अप्रैल तक सभी ड्रग डीलर्स को सलाखों के पीछे पहुंचाएगी. इसी तर्ज पर कांग्रेस ने भी 4 हफ्तों के भीतर राज्य में ड्रग्स की सप्लाई बंद करने का भरोसा दिलाया है.
सत्ताधारी अकाली दल ने भी अपने वायदों की फेहरिस्त में कई लोक-लुभावन ऐलानों को शामिल किया है. इनमें राज्य की जनता को मुफ्त प्रेशर कुकर, गैस, स्टोव, गैस कनेक्शन के अलावा 10 रुपये प्रति किलो की दर से हर महीने 5 किलो चीनी देने और 25 रुपये के दाम पर 2 किलो घी देने का वायदा शामिल है.
राज्य की जनता के लिए अहम दूसरे मुद्दों में बेरोजगारी, सतलुज-यमुना संपर्क नहर को लेकर हरियाणा के साथ चल रहा विवाद और गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान शामिल है.