क्लीवलैंड। ‘द काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स’ (सीएआईआर) ने ओहियो के क्लीवलैंड में ‘इस्लामोफोबिन’ मेडिसन बांटी। ताकि, लोगों के इस्लामोफोबिया का इलाज किया जा सके। ये मेडिसिन ‘कल्पना वाली कट्टरता,’ ‘तर्क रहित मुस्लिमों से डर’ और ‘यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में बलि के बकरा’ जैसी बीमारियों से भी रिलीफ देती है।
दरअस्ल, डोनाल्ड ट्रम्प समेत रिपब्लिकन पार्टी के कई मेंबर्स इस्लाम के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। इसी भेदभाव के विरोध में सीएआईआर द्वारा ये मेडिसिन बांटी गई। असल में सीआईएआर ने ‘इस्लामोफोबिन’ नामक जो मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूट की, वो शुगर-फ्री च्विंगम थी। ये गम उस वक्त बांटी जा रही है जब क्लीवलैंड में रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेन्शन हो रहा है।
सीएआईआर वो संस्था है जो अमेरिका में रह रहे मुस्लमानों के अधिकारों की रक्षा करती है। इसका उद्देश्य वहां इस्लाम के बारे में फैले भ्रम को दूर करना और वहां रह रहे मुस्लमानों की लाइफ को इम्प्रूव करना है। ये संस्था भेदभाव झेल चुके मुस्लमानों की काउंसिल करती है, ताकि वे सही रास्ते से न भटके। मीडिया के साथ काम करती है, ताकि उनकी सोसायटी का सही मैसेज लोगों तक पहुंचाया जा सके। संस्था मुस्लिम वोटर्स को ऑर्गनाइज करती है, कानून की मॉनिटरिंग करती है और यूथ के लिए लीडरशिप प्रोग्राम ऑर्गनाइज करती है।
चुनाव प्रचार के दौरान रिपब्लिकन पार्टी और प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रम्प मुस्लमानों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। ट्रम्प ने कई बार मुस्लमानों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। इसलिए सीएआईआर ने इस तरह विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
संस्था के मुताबिक, किसी का फोबिया या डर दूर करने के लिए दुर्भाग्य से कोई मेडिसिन नहीं बनी। हमारा प्रयास महज कन्वेन्शन के बाहर मेडिसिन बांटना नहीं, बल्कि मुस्लिमों के प्रति बदल रहे रवैये को ठीक करना है।