मनीला। फिलीपीन में आए ताकतवर तूफान ने देश के कई हिस्सों में क्रिसमस डे का सारा मजा किरकिरा कर दिया। इस तूफान के कारण कम से कम चार लोग मारे गए और कई मकान तबाह हो गए। राजधानी मनीला के पास भीड़भाड़ से भरे इलाके की ओर बढ़ते हुए यह तूफान थोड़ा कमजोर पड़ गया था। Christmas
यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। नॉक टेन नामक तूफान के कारण क्रिसमस के जश्न के दिन पांच प्रांतों से बिजली गायब हो गई। इस तूफान की वजह से एशिया के सबसे बड़े कैथोलिक देश में हजारों ग्रामीणों और यात्रियों को विस्थापित होना पड़ा है। पुलिस ने कहा कि क्वेजोन प्रांत में एक पेड़ के नीचे दब जाने पर एक किसान की मौत हो गई।
वहीं दक्षिणपूर्वी मनीला के अल्बे प्रांत में एक दंपति समेत तीन अन्य ग्रामीण बाढ़ में बहने से मारे गए। कल रात कैसीगुरान प्रांत में भूस्खलन हो गया था। स्थानीय तौर पर नीना के रूप में पहचाना जाने वाला नॉक टेन तूफान इसके बाद पश्चिमी दिशा में पर्वतीय एवं द्वीपीय प्रांतों की ओर बढ़ा। यह अपने रास्ते में पड़ने वाले मकानों को बर्बाद करता हुआ, पेड़ों को उखाड़ता हुआ और संचार के साधनों को ठप्प करता हुआ आगे बढ़ा। Christmas
सरकारी मौसमविदों ने कहा कि हालांकि यह कुछ हद तक कमजोर हुआ था लेकिन आज (सोमवार, 26 दिसंबर) सुबह दक्षिण मनीला के बटेंगस और केवाइट जैसे सघन प्रांतों तक पहुंचने पर भी तूफानी हवाओं की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा रही। ऐसा माना जा रहा था कि यह शाम के समय दक्षिण चीन सागर से निकलेगा। तटरक्षक ने कहा कि एक मालवाहक पोत पर सवार चालकदल के सदस्यों ने बटेंगस के पास पोत डूबना शुरू होने पर मदद मांगने के लिए संकेत भेजे।
वहीं एक अन्य पोत माबिनी प्रांत में फंस गया और एक ओर को झुक गया। उन्होंने कहा कि दोनों ही पोतों के चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए उन्होंने पोत भेज दिए हैं। यह तूफान वर्ष 2014 में आए तूफान हाएयान तूफान के बाद फिलीपीन में आया अब तक का सबसे भीषण तूफान है। वर्ष 2014 के तूफान में 7300 से ज्यादा लोग मारे गए थे या लापता हो गए थे। तब 50 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे। लेकिन कई प्रांतों के अधिकारियों को लोगों को उनके क्रिसमस के जश्न को छोड़ने और तूफान आने से पहले आश्रयस्थलों की ओर रवाना होने के लिए मनाने में काफी परेशानी आई। कुछ अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लोगों को जबरन निकालना पड़ा।
अल्बे में एक शीर्ष आपदा प्रतिक्रिया अधिकारी सेड्रिक डेप ने फोन पर कहा, ‘कुछ निवासियों ने तब भी अपने घर छोड़ने से इनकार कर दिया, जब मैंने उन्हें बताया कि उन्हें मौत की सजा जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।’ डेप ने कहा कि क्रिसमस डे के दिन शॉपिंग मॉलों और स्टोरों को जल्दी बंद होने का आदेश दिया गया था ताकि लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। ‘लेकिन तूफान के चरम पर होने पर भी कई कारें सड़कों पर थीं और लोग बाहर चहलकदमी कर रहे थे। हमने उन्हें पर्याप्त तरीके से चेतावनी दी थी लेकिन हम उनके दिमाग पर नियंत्रण नहीं कर सकते।’ अल्बे में 1.5 लाख से ज्यादा ग्रामीण तूफान के कारण विस्थापित हुए हैं। यहां अधिकारियों ने आपात वित्त के तीव्र वितरण के लिए रविवार (25 दिसंबर) को ‘आपदा की स्थिति’ की घोषणा कर दी। Christmas