नई दिल्ली। मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी छह कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन किया है। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीपीए से स्मृति ईरानी को हटा दिया गया है।
ईरानी बतौर मानव संसाधन विकास मंत्री इस समिति में शामिल थीं। मोदी सरकार के गठन के तुरंत बाद कपड़ा मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री संतोष गंगवार, संसदीय कार्य राज्य मंत्री के तौर पर इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य थे। लेकिन स्मृति ईरानी को वस्त्र मंत्रालय की कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद अब इस समिति में जगह नहीं मिल सकी।
कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद ईरानी को छह कैबिनेट समितियों में से किसी में भी जगह नहीं मिल सकी है। जबकि स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्रियों के साथ दो राज्य मंत्रियों को भी कैबिनेट समितियों का हिस्सा बनाया गया है।
नए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीपीए में जगह दी गई है। नए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार भी इसमें शामिल किए गए हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी, जिन्हें अल्पसंख्यक मामलों में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में पदोन्नत किया गया है, उन्हें सीसीपीए में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एस.एस. अहलूवालिया और कानून राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी को भी इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। यह समिति संसद सत्र के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। बीजेपी के सहयोगी दलों में से रामविलास पासवान अकेले नेता हैं जिन्हें इस समिति में शामिल किया गया है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि स्मृति ईरानी समेत कई कैबिनेट मंत्रियों को समितियों में जगह नहीं मिल सकी है। जबकि दो राज्य मंत्रियों- एस.एस. अहलूवालिया और पी.पी. चौधरी को जगह दी गई है। ये प्रधानमंत्री की ओर से राज्य मंत्रियों को ज्यादा महत्व देने की दिशा में एक बड़ा संदेश भी माना जा रहा है।