नई दिल्ली। 500 रुपए के नए नोट बैंकों और एटीएम में आए अभी दो हफ्ते हुए हैं, लेकिन अभी से बाजार में इस नोट के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। इन दोनों नोटों में कई छोटे-छोटे फर्क हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ना सिर्फ आम लोगों के दिमाग में उलझन पैदा होगी, बल्कि जालसाजी को भी बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला कालाधन, जालसाजी व नकली नोटों पर रोक लगाने के उद्देश्य से लिया था। 500 rupees
खबर के मुताबिक, दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने कहा, “एक नोट में गांधी जी की परछाई ज्यादा दिखाई है, इसके अलावा सीरियल नंबर, अशोक स्तंभ जैसी चीजों के साइज में भी अंतर है।”
गुरुग्राम में रहने वाले रेहन शाह ने दोनों नोट में किनारों का साइज भी अलग-अलग बताया। वहीं मुंबई में रहने वाले एक शख्स ने 2000 रुपए के नोट के छुट्टे कराए थे और उन्हें 500 रुपए के दो नोट मिले। इन दोनों के कलर में फर्क था। एक हल्के रंग की छपाई से था। वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की प्रवक्ता अल्पना किल्लावाला ने कहा, “यह नोट प्रिटिंग में की गई गलती हो सकती है। क्योंकि इस समय काम का काफी दबाव है। हालांकि लोग बेझिझक इन नोटों को ले सकते हैं या चाहें तो आरबीआई को वापस कर सकते हैं।”
विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों की उलझन का फायदा नकली नोट चलाने वालों को मिल सकता है। काफी सालों से क्राइम विभाग को देख रहे एक सीनियर IPS ऑफिसर ने कहा, “चूंकि लोग पूरी तरह से 500 के नोट के फीचर नहीं समझ पाएंगे, ऐसे में वह नकली नोट को भी बिना पहचाने रख सकते हैं। अगर बाजार में 500 के ऑफिशियल नोट भी दो रूप में मौजूद होगा तो तीसरे या नकली रूप को भी लोग नहीं पहचान पाएंगे।”