पेरिस, 29 दिसंबर: दुनिया भर में इस साल कर्त्तव्यों का पालन करते हुए कुल 50 मीडियाकर्मियों की हत्या कर दी गयी जिनमें से ज्यादातर हत्याएं शांतिपूर्ण देशों में हुई हैं।
गैर-सरकारी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आरएसएफ के अनुसार, इस वर्ष मारे गए पत्रकारों में 45 पेशेवर पत्रकार थे, एक गैर-पेशेवर और चार मीडियाकर्मी थे। आरएसएफ सूची में से 42 को ‘हत्या या जानबूझकर निशाना बनाया गया’ और बाकी लोग अपना काम करते हुए मारे गये।
संगठन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, “आरएसएफ की 2020 में (01 जनवरी से 15 दिसंबर तक) अपने काम के सिलसिले में मारे गये पत्रकारों की सूची में 50 नाम हैं जबकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण अपेक्षाकृत बहुत कम पत्रकार काम के लिए घरों से बाहर निकले थे।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्धग्रस्त देशों में मारे गये पत्रकारों की संख्या में चार साल से गिरावट आ रही है, जबकि शांतिपूर्ण क्षेत्रों में इनकी संख्या बढ़ ही है। इस वर्ष मारे गए 10 पत्रकारों में से औसतन सात की हत्या गैर-युद्ध क्षेत्रों में की गयी।
आरएसएफ ने बताया कि दशक भर में काम के दौरान मारे गये पत्रकारों की संख्या 937 तक पहुंच गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराध समूहों की गतिविधियों, भ्रष्टाचार और पारिस्थितिक चुनौतियों सहित संवेदनशील मुद्दों की जांच करने वाले पत्रकारों की हत्याओं में वृद्धि दर्ज की गयी है। इसके अलावा, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में नागरिक अशांति और विरोध-प्रदर्शनाें ने 2020 में मीडिया के खिलाफ हिंसा में योगदान दिया है।
आरएसएफ ने 2020 में पाकिस्तान, मेक्सिको, अफगानिस्तान, भारत और इराक को मीडिया के लिए विशेष खतरा पैदा करने वाले शीर्ष पांच देशों के रूप में सूचीबद्ध किया है।