अब फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रमों में दाखिला, नीट (NEET) के तहत होगा। इसके अलावा पाठ्यक्रम की अवधि भी बढ़ा दी गई है। यह जानकारी, कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने दी।
बेंगलुरु में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कर्नाटक फिजियोकॉन-25 का आयोजन किया गया। इसके उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल का कहना था कि राज्य सरकार फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रमों को नीट के दायरे में लाने का समर्थन करती है।
फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम की अवधि को पांच वर्षों तक बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में बोलते हुए अपने बयान में उन्होंने कहा- ‘हम नीट के तहत फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रमों के एकीकरण का स्वागत करते हैं, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता और पेशेवर मानकों में सुधार होगा।’
पाठ्यक्रम की अवधि बढ़ने और नीट के तहत फिजियोथेरेपी के प्रवेश को देशभर में चिकित्सा शिक्षा को मानकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
छात्रों को संबोधित करते हुए प्रकाश पाटिल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्टों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।सम्मेलन में करीब दस हज़ार छात्रों ने हिस्सा लिया।
मेडिकल के क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट की बढ़ती भूमिका पर मंत्री पाटिल का कहना था- “फिजियोथेरेपिस्ट आज न्यूरो और आर्थोपेडिक पुनर्वास, कार्डियोपल्मोनरी देखभाल, पीडियाट्रिक्स, विकलांगता सहायता, खेल चिकित्सा, फिटनेस और सामुदायिक देखभाल जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।”
साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि राज्य सरकार अधिक सरकारी कॉलेजों में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रमों की शुरुआत की योजना बना रही है, ताकि देश और विदेश में बढ़ती प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग को पूरा किया जा सके।
राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवर आयोग की अध्यक्ष यज्ञ शुक्ला ने आयोग फिजियोथेरेपी शिक्षा में “एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम” पहल शुरू करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने इस पाठ्यक्रम सुधार को उच्च शिक्षा के स्तर प्रदान करने वाला बताया और यह भी कहा कि इससे छात्रों और चिकित्सकों दोनों को दूरगामी लाभ मिलेगा।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित पड़ोसी देश नेपाल के अलावा इस्राइल और ऑस्ट्रेलिया से भी वक्ता सम्मिलित हुए। इस अवसर पर 800 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।