हाल ही में चीन में साँस के वायरस के मामलों में हुई वृद्धि ने दुनिया भर के लोगों को सचेत कर दिया है कि शायद यह भी कोरोना वायरस जैसा ही खतरा है।
पांच साल पहले कोरोना वायरस के कारण दुनिया ने जो तबाही झेली है उसकी दर्दनाक यादें आज लोगों की ज़िंदगी पर असर डाले हैं। अब चीन के हवाले से एक और सांस के वायरस के बारे में ऐसी ही ख़बरें सामने आ रही हैं।
चीन में श्वसन तंत्र (respiratory system) को प्रभावित करने वाले ह्यूमन मेटापैनोवायरस (एचएमपीवी) से बीमार पड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
चीन सहित भारत और पड़ोसी देशों में ह्यूमन मेटापैनो वायरस के मामलों में इजाफा हो रहा है। मेडिकल रिकॉर्ड बताते हैं कि यह कोई नया वायरस नहीं है। बीते वर्ष एम्स में 700 मरीजों पर हुई रिसर्च में पता चला था कि इनमें से चार फीसदी मरीजों में यह वायरस था।
भारत में इस वायरस का पहला केस साल 2003 में आया था। उस समय बीजे मेडिकल कॉलेज ने पुणे में एक बच्चे में इसकी पुष्टि की थी। पिछले वर्ष एम्स में 700 मरीजों पर हुई रिसर्च में चार फीसदी मरीजों में इसकी रिपोर्ट पोसिटिव थी।
चीनी अधिकारियों के अनुसार, वायरस के प्रसार पर नजर रखी जा रही है। इसके बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से पता चला है कि सर्दियों के मौसम में इस बीमारी के मामलों में इज़ाफ़ा होने की संभावना है।
इंग्लैंड के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के मेडिकल प्रोफेसर पॉल हंटर ने कहा कि लगभग हर बच्चा अपने पांचवें जन्मदिन तक कम से कम एक बार एचएमपीवी वायरस से संक्रमित होगा और हम अपने जीवन में एक से अधिक संक्रमणों से भी पीड़ित हो सकते हैं।
इस बीमारी के बारे में उनका कहना है- “कुल मिलाकर मुझे नहीं लगता कि इस समय कोई गंभीर वैश्विक समस्या के संकेत हैं।”
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, यह वायरस चीन में 14 वर्ष और उससे कम आयु के बच्चों में फैल रहा है। चीन के अलावा मलेशिया में भी हाल के महीनों में एचएमपीवी मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जबकि भारत में भी इससे संक्रमित लोगों के मामले सामने आए हैं।
आमतौर पर इस वायरस से संक्रमित मरीजों को सामान्य सर्दी, फ्लू और खांसी जैसे लक्षण अनुभव होते हैं। विशेषज्ञों ने एचएमपी वायरस को कोरोना वायरस से अलग बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपी वायरस दशकों से मौजूद है जो यह बताता है कि लोगों में इसके प्रति प्रतिरक्षा मौजूद है। विशेषज्ञ और डॉक्टर अभी भी लोगों को मास्क पहनने, भीड़ से बचने, हाथ धोने और फ्लू का टीका लगवाने जैसी सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं।