गोरखपुर/लखनऊ। गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में कई बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रहे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ, विपक्ष ने योगी से इस्तीफे की मांग की। स्थिति को भांपते हुए मोदी सरकार ने गोरखपुर में 85 करोड़ रुपए की लागत से एक क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते सात अगस्त से कुछ दिनों के भीतर 60 से अधिक बच्चों की मौत की खबर आई है। कहा गया है कि ज्यादातर बच्चों की मौत बिल के भुगतान नहीं होने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई। इस घटना को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए जिनकी लापरवाही के कारण यह नरसंहार हुआ है।
अस्पताल का रविवार को दौरा करने वाले आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। दूसरी तरफ, बाल रोग विभाग के नोडल अधिकारी कफील खान को प्रभार से हटा दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टर खान का प्रभार वापस लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसे इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए कि कफील को निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मीडिया से कहा कि इस मामले में सजा एक मानक तय करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने बाल रोगों में गहन अनुसंधान के लिए 85 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर में क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है। नड्डा यहां आदित्यनाथ के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर आने से पहले उन्होंने क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि संसद के बीते सत्र में मैंने आदित्यनाथ जी को आश्वासन दिया कि एक संपूर्ण संस्थान की जल्द ही स्थापना की जाएगी।
आदित्यनाथ ने पूवाकचल में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत का कारण बनने वाले मस्तिष्क ज्वर पर गहन अनुसंधान के लिये एक क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जरूरत पर जोर देते हुए आज कहा कि ऐसा किए बगैर इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ जंग नहीं जीती जा सकती।