सऊदी अरब, अमेरिका सहित दुनिया की सभी बड़ी शक्तियों की मदद से वर्षों से यमन पर भीषण बमबारी कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद यमनी सेना ने बुधवार को भूमिगत रॉकेट लांचरों को लॉन्च करके एक बड़ा धमाका किया है।
यमनी सेना ने इस देश के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन अंसारुल्लाह के साथ मिलकर जहां कई अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलों को तैयार किया है वहीं यमन की मिसाइल यूनिट ने बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए भूमिगत लांचरों की तैयारी और उसे लॉन्च करने की घोषणा की है।
यमनी सेना के बयान में कहा गया है कि भूमिगत लांचरों से फ़ायर की जाने वाली मिसाइलें, दुश्मन के हर तरह के हमलों से सुरक्षित है और उन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता। यमनी सेना के अनुसार, सऊदी गठबंधन का यह बयान हास्यास्पद है जिसमें उसने दावा किया है कि यमनी सेना के मिसाइल लांचरों को तबाह कर दिया गया है। इस बीच यमनी सेना ने मंगलवार को दक्षिणी सऊदी अरब के “ख़मीस मशीत” नामक क्षेत्र पर कम दूरी वाला बद्र मिसाइल फ़ायर किया था। यमनी सेना ने इस मिसाइल हमले को भूमिगत रॉकेट लांचर से ही अंजाम दिया था।
इस बीच पश्चिमी मीडिया ने दावा किया है कि फ्रांस ने 2018 के पहले 6 महीनों के दौरान मध्यपूर्व के कुछ अरब देशों को 3 बिलियन डॉलर से अधिक के हथियार बेचे हैं। दूसरी तरफ़, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और स्वयं फ्रांसीसी संसद के सदस्यों ने फ्रांस सरकार की ओर से अरब देशों विशेषकर सऊदी अरब को बेचे जा रहे अरबों के हथियारों की बिक्री पर, इस देश के राष्ट्रपति इमेन्युअल मैक्रोन से मांग की है कि हथियारों की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए।