लंदन। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एचआईवी संक्रमण की पहचान के लिए एक नया पेनड्राइव जांच (यूएसबी टेस्ट) विकसित किया है। इस यूएसबी को कंप्यूटर या दूसरे उपकरण में लगाने के आधे घंटे के भीतर ही पता चल जाएगा कि व्यक्ति के रक्त में एचआईवी का वायरस है या नहीं, और यदि है तो उसकी मात्रा कितनी है। usb stick
इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने निजी फर्म डीएनए के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस जांच की खोज की है। इस जांच से एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के रक्त में वायरस का स्तर क्या है, यह पता चल जाएगा। इससे मरीज अपने इलाज की निगरानी खुद कर सकेंगे। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि उन्हें दी जा रही दवाई का बीमारी पर कोई असर हो रहा है या नहीं। हालांकि इस उपकरण से सिर्फ एक बार एचआईवी संक्रमण की जांच की जा सकती है, इसके बाद यह बेकार हो जाता है।
इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता व इंपीरियल कॉलेज के चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ. ग्राहम कूक ने कहा ‘एड्स रोगियों में वायरस के स्तर को कम करने के लिए शक्तिशाली एंटी रेट्रोवाइरल दवाएं दी जाती हैं। दवा से मरीजों को फायदा हो रहा है या नहीं इसकी जांच के लिए समय समय पर रक्त में एचआईवी वायरस के स्तर का पता लगाना जरूरी होता है। पहले इसकी जांच में कई घंटे लग जाते थे, लेकिन अब इस उपकरण की मदद से सिर्फ 21 मिनट में कंप्यूटर पर इसकी जांच हो सकेगी।’
इस पेनड्राइव में एचआईवी संक्रमण की जांच के लिए एक खास जगह बनाई गई है, जहां रक्त की एक बूंद डाली जाती है। अगर रक्त में एचआईवी का वायरस मौजूद होता है तो रक्त की अम्लता में परिवर्तन होता है, जिसे यह उपकरण एक विद्युत संकेत में बदल देता है। इस संकेत को किसी कंप्यूटर पर आसानी से पढ़कर रक्त में वायरस के स्तर का पता लगाया जा सकता है। इस पेनड्राइव से एक हजार लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई। परीक्षण में यह जांच 95 फीसदी सटीक पाया गया। usb stick