पहली बाद दो महिला पायलट भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर को उड़ाती नजर आएंगी। ये दोनों चिनूक इकाइयां एलएसी के समीप भारतीय सैनिकों को सहायता पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।
वर्ष 2019 में स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज ने Mi-17V5 की पहली उड़ान कप्तानी की थी और दो साल बाद स्वाति राठौर कर्तव्य पथ पर 2021 की गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट रही हैं।
जानकारी के मुताबिक़ रूस द्वारा निर्मित Mi-17V5 हेलीकॉप्टरस्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौर उड़ा रही थीं। इनका स्थानांतरण चंडीगढ़ और असम के मोहनबाड़ी स्थित CH-47F चिनूक इकाइयों में किया गया है।
अब #IndianAirforce की महिला पायलट भी #ChinookHelicopter उड़ाएंगी। वायुसेना ने पहली बार चिनूक हेलिकॉप्टर यूनिट में दो महिला लड़ाकू पायलटों की तैनाती की है। एक महिला पायलट को चंडीगढ़ और दूसरी को असम में संचालित हो रही चिनूक यूनिट में तैनात किया गया है।https://t.co/Zn2anfGz0X
— NewsBytes हिन्दी (@NewsbytesHindi) September 17, 2022
बहु-उद्देश्यीय चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिका से आयातित है और इसे 2019-20 में इसे बेड़े में शामिल किया गया था। यह वायु सेना के बेड़े में नवीनतम हेलीकॉप्टर है जिसकी कीमत लगभग 650 करोड़ रुपये है। इस समय वायु सेना 15 चिनूक का संचालन किया जा रहा है। चिनूक हेलीकॉप्टर की विशेषता ये है कि इस्की सहायता से सीमावर्ती इलाके में लाइट हॉवित्जर तक ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। इसका उपयोग युद्ध के मैदान में आपूर्ति और सैनिकों के परिवहन के अलावा तोपखाने के लिए किया जाता है।