केंद्र सरकार ने श्रमिकों को त्योहारों से पहले तोहफा देने की तैयारी कर ली है। श्रमिकों को महंगाई से राहत देने के लिए पहली अक्तूबर से न्यूनतम मजदूरी दर में इजाफा किया गया है।
केंद्र सरकार ने श्रमिकों को ख़ास तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते में संशोधन किया है। इस संशोधन से मज़दूरों की न्यूनतम मजदूरी दर में इजाफा होगा।
केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते यानी वीडीए में संशोधन करके न्यूनतम मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा की है। मंत्रालय ने इसे श्रमिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिलने वाली जानकारी के मुताबिक़ केंद्र द्वारा 1,035 रुपये प्रतिदिन तक की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। अपने एक बयान में श्रम मंत्रालय का कहना है कि इस परिवर्तन का मक़सद श्रमिकों को जीवन की बढ़ती लागत से निपटने में सहयोग करना है।
केंद्र सरकार द्वारा किये जाने वाले इस संशोधन के बाद, क्षेत्र ‘ए’ के तहत निर्माण, लोडिंग एवं अनलोडिंग, झाड़ू लगाने, सफाई आदि जैसे अकुशल काम करने वाले मज़दूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन होगी।
इसी क्रम में वह श्रमिक जो अर्ध-कुशल क्षेत्र में आते हैं, उनकी न्यूनतम मजदूरी दर 868 रुपये प्रतिदिन होगी जबकि कुशल, लिपिक और बिना हथियार वाले चौकीदारों के लिए 954 रुपये प्रतिदिन की मज़दूरी तय की गई है।
वह कर्मी जो उच्च कुशल है अथवा हथियार रखते हैं, उनके लिए न्यूनतम मजदूरी दर 1,035 रुपये प्रतिदिन तय की गई है।
बताते चलें कि इससे पूर्व होने वाला संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था। आदेश के अनुसार सरकार द्वारा जारी की गई ये मज़दूरी दरें पहली अक्तूबर 2024 से लागू होंगी।
केंद्र सरकार छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में साल में दो बार, पहली अप्रैल और पहली अक्तूबर से संशोधन करती है।
इस न्यूनतम मजदूरी दर को कौशल स्तर के आधार पर बनाया जाता है जिसे अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल के अलावा भौगोलिक क्षेत्र- ए, बी और सी के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।