शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन ( एससीओ ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने वैश्विक आतंकवाद और संरक्षणवाद का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक आतंकवाद है और उससे लडऩे के लिए तुरंत मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत है।
सुषमा ने कहा कि आतंकवाद मौलिक मानवाधिकारों … जीवन , शांति और समृद्धि ( के अधिकार ) का दुश्मन है। उन्होंने कहा कि संरक्षणवाद को उसके प्रत्येक रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार के मार्ग में अवरोधक पैदा करने वाले तत्वों को नियंत्रित करने की कोशिश की जानी चाहिए।
सुषमा ने कहा कि भारत एससीओ के साथ काम करते हुए आपसी आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि आर्थिक वैश्विकरण ज्यादा खुला, समावेशी , समानतापरक और परस्पर हितों के लिए संतुलित होना चाहिए।