नयी दिल्ली 30 सितंबर : तालिबान के तहत अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक यात्री उड़ानों की सुविधा के लिए भारतीय विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) से अनुरोध किया है।
डीजीसीए को लिखे पत्र में, अफगान नागरिक प्राधिकरण ने संकेत दिया है कि उसके राष्ट्रीय वाहक एरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते के अनुरूप उड़ानें संचालित करने के इच्छुक हैं।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक नागरिक उड्डयन और परिवहन मंत्री अल्हज हमीदुल्ला अखुंदजादा ने लिखा,“इस पत्र का इरादा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन और हमारे राष्ट्रीय वाहक (एरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर) के आधार पर दो देशों के बीच सुगम यात्री आवाजाही को बनाए रखना है, जिसका उद्देश्य उनकी निर्धारित उड़ानें शुरू करना है। इसलिए, अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण आपसे अनुरोध करता है कि आप अपनी वाणिज्यिक उडानों की सुविधा प्रदान करें।”
गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद भारत ने अफगानिस्तान से आने-जाने वाली वाणिज्यिक उड़ानें रोक दीं। राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया ने अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दीं क्योंकि तालिबान ने राजधानी शहर पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अपने पत्र में कहा है कि काबुल हवाई अड्डा अब कतर से ‘तकनीकी सहायता’ के साथ चालू है।
एक अफगानिस्तानी समाचार एजेंसी के अनुसार, नई दिल्ली, इस्तांबुल और ताशकंद से एक-एक उड़ान गुरुवार, 30 सितंबर को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाली है। समाचार एजेंसी ने यह भी बताया कि पाकिस्तान और ईरान एकमात्र ऐसे देश हैं जो वर्तमान में काबुल हवाई अड्डे से आने-जाने के लिए उड़ानें भर रहे हैं। इस संबंध में डीजीसीए या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया या स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है।