नई दिल्ली। सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है। अस्थाना सीबीआई निदेशक अनिन सिन्हा की जगह लेंगे जो 2 दिसंबर को रिटायर हो गये। गुजरात कैडर के आईपीएस अस्थाना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। वडोदरा रेंज के आईजी रह चुके अस्थाना ने गोधरा ट्रेन हादसे की प्रारंभिक जांच की थी। rakesh asthana
साठ वर्षीय सिन्हा ने तब सीबीआई की कमान संभाली थी जब जांच ब्यूरो ‘पिंजरे में बंद तोता’ और ‘बंद जांच एजेंसी’ जैसे तीखे कटाक्षों का सामना कर रहा था। सिन्हा ने सीमित सोशल सर्किल के साथ मीडिया से दूर रहकर एजेंसी के कामकाज को संभाला एवं उसे आगे बढ़ाया। सिन्हा एजेंसी के मृदु भाषी लेकिन दृढ़ नेता साबित हुए जिन्होंने शीना बोरा हत्याकांड एवं विजय माल्या ऋण गड़बड़ी कांड जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच का मार्गदर्शन किया।
माल्या मामले में सिन्हा ने यह तय किया कि इस तड़क भड़क वाले शराब कारोबारी के खिलाफ बंद पड़ चुकी उसकी किंगफिशर एयरलाइंस को मिले रिण की कथित रूप से अदायगी नहीं किये जाने को लेकर मामला दर्ज हो जबकि बैंक शिकायत लेकर सीबीआई नहीं पहुंची थी। सिन्हा ने शीना बोरा हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद अपनी टीमों को इस मामले में पीटर मुखर्जी की भूमिका खंगालने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह पक्का किया कि सीबीआई सार्वजनिक बैंकों की गैर निष्पादित संपत्तियों के ढेरों मामलों की सघनता से तहकीकात हो जबकि बैंक संभावित मध्य मार्ग बंद हो जाने के डर से इन मामलों की जांच शुरू किये जाने के पक्ष में नहीं थे। बैंकों को लगता था कि रिण उल्लंघनकर्ताओं से बातचीत से बीच का रास्ता निकल सकता है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना के पहले दशक में ही उसके छात्र रहे सिन्हा की मनोविज्ञान एवं अर्थशास्त्र में रुचि रही है और उन्हें अपने परिवार के साथ वक्त गुजारना अच्छा लगता है।