केंद्र सरकार के तीन नए कानून आज पहली जुलाई से देश सहित उत्तर प्रदेश में भी लागू हो जाएंगे। इन कानूनों के लागू होते ही व्यवस्था में कुछ बदलाव भी आएंगे। ये तोनों बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे।
पहली जुलाई से लागू होने वाले क़ानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। भारतीय न्याय संहिता कानून अब आईपीसी यानी इंडियन पीनल कोड की जगह लेगा।
नए कानून के तहत होने वाले बदलाव
- नए कानून के तहत, आपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के भीतर फैसला आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। सभी राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए गवाह सुरक्षा योजनाएं लागू की जाएंगी।
- बलात्कार पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी की ओर से पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज किए जाएंगे। मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नए कानून को जोड़ते हुए अब बच्चे की खरीद फरोख्त को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
- नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
- महिलाओं को शादी का झूठा वादा करके या गुमराह करके छोड़ने वालों के लिए नए कानून में अब सजा का प्रावधान शामिल है।
- घटनाओं की रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से की जा सकेगी, जिससे पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत खत्म हो सकेगी। व्यक्ति के लिए अपने अधिकार क्षेत्र वाले थाने के अलावा भी दर्ज की जा सकेगी।
- गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर जाना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य होगा।
- समानता को बढ़ावा देते हुए लिंग की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर भी शामिल होंगे। महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए जब भी संभव हो, पीड़ित के बयान महिला मजिस्ट्रेट की ओर से ही दर्ज किए जाने का प्रावधान है।
प्रदेश पुलिस की तैयारी पूरी
नए प्रावधानों के मुताबिक विधिक कार्रवाई को लेकर प्रदेश पुलिस की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बारे में सभी पुलिसकर्मियों को एक बुकलेट दी गई है जिसे डीजीपी मुख्यालय द्वारा वितरित किया गया है।
नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए थाना, सर्किल, कमिश्नरेट एवं जिला मुख्यालय, परिक्षेत्र एवं जोन स्तर पर समन्वय समितियां बनाई गई हैं। इन कानूनों के प्रभावी होने से पहले संबंधित तकनीकी सेवाओं को अपग्रेड किया गया है। मुख्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित कर समन्वय समिति भी बनाई गई है।
इसके अलावा नए कानूनों के विषय में लाेगों को जागरूक करने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सभी पुलिस थानों पर लाेगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम होंगे। क्षेत्र के संभ्रांत नागरिकों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के साथ थाना प्रभारी विस्तार से नए कानूनों की जानकारी देंगे।
महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की जानकारी देने की ज़िम्मेदारी महिला पुलिस अधिकारियों को सौंपी गई है। इस जानकारी को आमजन तक पहुँचाने के लिए थाना क्षेत्र के प्रमुख स्थानों पर बैनर एवं पोस्टर तथा लगाने के साथ पम्फलेट वितरण किया जाएगा। इसके प्रचार में लाऊड स्पीकर की सहायता भी ली जाएगी। तथा सोशल मीडिया की मदद से भी इसे लोगों तक पहुँचाया जाएगा। इन कार्यक्रमों की फोटो और वीडियो ई-फाइल में संरक्षित की जाएंगी।