मोरबी हादसे में टूटने वाले सस्पेंशन ब्रिज में कहाँ चूक हुई इसका खुलासा तो जाँच की रिपोर्ट में होगा मगर इस हादसे में 134 के करीब मौतें हो चुकी हैं और बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है।
Now the investigation report is awaited for
हादसे के बाद से अभी भी कई लोग लापता हैं। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के मुताबिक़ माच्छू नदी में बचाव अभियान अंतिम चरण में हैं। यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।
इस हादसे में बचाव कार्यों में एनडीआरएफ के पांच दल, एसडीआरएफ के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं। तलाश अभियान रात से चल रहा है।
करीब एक सदी पुराना ये पुल मरम्मत और नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया।
जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
सांघवी ने राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर मोरबी में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने पुल ढहने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ अंग्रेज़ों के समय निर्मित यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे।
सांघवी ने कहा कि पुल ढहने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 308 (इरादतन हत्या) और धारा 114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
मोरबी में घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे की पूरी जानकारी ली। राहत एवं बचाव का काम अभी भी जारी है। इस हादसे की जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होनी चाहिए एवं दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। pic.twitter.com/EESi9DcZ97
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 31, 2022
एक निजी कम्पनी द्वारा लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर भरी संख्या में लोग जमा थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था।
हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को राज्य सरकार ने इस चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है।