नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की नीट यूजी की काउंसलिंग स्थगित हो गई है। स्थगन का फैसला नीट परीक्षा के दौरान पेपर लीक सहित अन्य अनियमितताओं के कारण होने वाले विवादों को देखते हुए लिया गया है।
यह फैसला नीट एग्जाम में पेपर लीक सहित अन्य अनियमितताओं के आरोपों के बाद लिया गया है। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की नीट यूजी की काउंसलिंग अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दी गई है। नीट यूजी की काउंसलिंग आज 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी।
एएनआई द्वारा जारी की गई खबर के मुताबिक़ शनिवार को होने वाली नीट यूजी की काउंसलिंग अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। फिलहाल काउंसलिंग की नई तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
बताते चलें कि काउंसलिंग स्थगित किए जाने की जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट नीट यूजी की काउंसलिंग को स्थगित करने से इनकार कर चुका था।
नीट यूजी की काउंसलिंग स्थगित किए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि उनके नेतृत्व में कई छात्रों का भविष्य खतरे में है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश ने एक पोस्ट साझा करते हुए कहा- “नीट यूजी मुद्दा दिन-प्रतिदिन बदतर होता जा रहा है। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और उनके बायोलिजक शिक्षा मंत्री अपनी अक्षमता और असंवेदनशीलता का का सबूत पेश कर रहे हैं। हमारे लाखों युवाओं का भविष्य उनके हाथों में पूरी तरह असुरक्षित है।”
गौरतलब है कि 5 जुलाई को नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने की बढ़ती मांगों के बीच केंद्र और एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा और यह ईमानदार कैंडिडेट्स को गंभीर रूप से खतरे में डाल देगा।
इस साल की नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को आयोजित कराई गई थी और इसके माध्यम से देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों के लिए एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित कोर्स में प्रवेश के लिए चयन होना था। ये परीक्षा 4,750 केंद्रों पर पर कराई गईथी जिसमे लगभग 2.4 मिलियन उम्मीदवार शामिल हुए थे।
बताते चलें कि इस वर्ष नीट एग्जाम में 67 बच्चों ने टॉप किया था जबकि पिछले वर्ष मात्र दो टॉपर्स थे। इसके अलावा एनटीए द्वारा समय की बर्बादी का हवाला देकर 1500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिए थे। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को दोबारा परीक्षा करवाए जाने का विकल्प भी दिया था।
इस परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था। नतीजे आने के बाद से पेपर लीक सहित कई अनियमितताओं के चलते देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए जिसके नतीजे में मामला एसबीआई और सुप्रीम कोर्ट तक चला गया।