प्रेगनेंसी के दौरान सलाह देने वालों की भरमार होती है। अकसर लोग बेबुनियाद बातों का ज़िक्र करते हुए एक प्रेग्नेंट महिला को दहशत तक का शिकार बना देते हैं, जबकि याद रखना चाहिए कि ये एक कुदरती प्रक्रिया है और क़ुदरत अपने आप में मुकम्मल है।
ऐसे समय में बहुत से लोग जो सलाह और जानकारी देते हैं उनमे अकसर झूठी होती हैं, जैसे कि बच्चे के जेंडर का पता लगाने के लिए कौन कोण सा तरीका कारगर है? आदि।
ऐसे में ज़रूरी है कि एक अच्छी डाक्टर और डाइट एक्सपर्ट के संपर्क में रहे और ऐसी तमाम सलाहों से बचें जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इस समय में हमारे बीच फैली कुछ मिथ इस तरह हैं-
प्रेग्नेंसी में ग्रहण से बचना चाहिए
इस सम्बन्ध में ऐसा कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि गर्भवती महिला को सूर्य और चंद्र ग्रहण से बचना चाहिए। कुछ वहमी लोगों का मानना है कि ऐसी अवस्था में महिला का में सामने आने से बच्चे को नुकसान हो सकता है, जो पूरी तरह से मिथक है।
कुछ खाने और ड्रिंक नार्मल डिलीवरी की सुविधा प्रदान करते हैं हालांकि लोग नॉर्मल डिलीवरी के लिए ज्यादातर प्राकृतिक और वैकल्पिक दवाओं की सलाह देते हैं, लेकिन अभी तक इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। 2018 के एक अध्ययन में पाया गया कि कुछ हर्बल दवाएं कुछ हद तक प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले लोकप्रिय प्राकृतिक तरीके प्रभावी साबित नहीं हुए हैं।
ऑपरेशन के बाद नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो सकती
दरअसल ऐसा नहीं है। पिछले ऑपरेशन के बाद गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी भी हो सकती है। इसके अलावा, प्रसव की विधि इस बात पर निर्भर करती है कि गर्भावस्था कैसे आगे बढ़ रही है।
एक गर्भवती महिला खुशगवार मूड में होती है
कई महिलाओं के लिए गर्भावस्था एक कठिन समय हो सकता है। हार्मोन, शारीरिक परिवर्तन और थकान जैसे कारक न्यूरोलॉजिकल और मस्कुलोस्केलेटल स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर सकते हैं, साथ ही एक महिला के मूड को भी प्रभावित कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिला कॉफी नहीं पी सकती है
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं प्रतिदिन एक कप कॉफी पी सकती हैं, लेकिन कैफीन का सेवन 200 मिलीग्राम या उससे कम तक सीमित करना चाहिए। इसके लिए अपने डाक्टर से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए।
बिल्ली से दूर रहना चाहिए
कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान बिल्लियों से बचने की कोशिश करती हैं क्योंकि उन्होंने सुना है कि बिल्लियों से संक्रमण हो सकता है। हालाँकि कुछ सच्चाई है, मगर यह इतना डरावना नहीं है। कभी-कभी बिल्ली के मल में टॉक्सोप्लाज़मोसिज़ नामक बीमारी हो सकती है, जो हानिकारक है, लेकिन गर्भवती महिलाएँ मास्क और दस्ताने पहनकर इसे साफ़ कर सकती हैं। जब तक वे इन सावधानियों का पालन करती हैं, तब तक महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बिल्लियों से बचने की आवश्यकता नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को सेक्स से बचना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान संबंध बनाने से कोई नुकसान नहीं होता है। जबकि कई लोगों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान ऐसा करने से प्रीटरम डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है, शोध में इसका कोई सबूत नहीं मिला है। हालाँकि, कुछ मामलों में, डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान सेक्स से दूर रहने की सलाह दे सकते हैं, उदाहरण के लिए यदि भारी रक्तस्राव हो या या अन्य कोई समस्या होने पर।
कुछ खाद्य पदार्थ खाने से एलर्जी हो सकती है
गर्भवती महिलाएं ऐसे खाद्य पदार्थ खा सकती हैं जिनसे लोगों को अक्सर एलर्जी होती है, जैसे कि मेवे और दूध। जब तक आपको पहले से ही कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी नहीं है, तब तक उन्हें खाने से नई एलर्जी नहीं होगी।
सुबह के समय ही मतली और उल्टी का अनुभव
हालांकि इसे अंग्रेजी में मॉर्निंग सिकनेस कहते हैं, कुछ मामलों में यह स्थिति गर्भवती महिलाओं को पूरे दिन प्रभावित कर सकती है। स्टडी से खुलासा हुआ है कि केवल 2 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं।