नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विशेष सीबीआई जज बी.एच.लोया की संदिग्ध हालात में मौत की जांच को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चार जजों में शामिल जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि जजों में विवाद की वजह जज लोया की संदिग्ध मौत का मामला भी है। चारों जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब जस्टिस गोगोई से पूछा गया कि क्या यह विवाद जज लोया की संदिग्ध हालात में मौत से जुड़ा है तो जस्टिस गोगोई का जवाब था-जी हां।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस शांतनागौडर की बेंच ने शुक्रवार को लोया की मौत वाली याचिका पर सुनवाई की। बेंच ने इस मामले को 15 जनवरी तक के लिए टाल दिया है। इस मामले की जांच के लिए कंाग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और पत्रकार बी आर लोने ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर रखी हैं। तहसीन पूनावाला की ओर से इंदिरा जय सिंह ने मामले की जांच कराने की मांग। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि इस मामले में पहले महाराष्ट्र के वकील राज्य सरकार से निर्देश लें। मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी देखना भी जरूरी है। अब इस मामले में 15 जनवरी को सुनवाई होनी है।
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, पत्नी कौसर बी और सहयोगी तुलसीदास प्रजापति की नवंबर 2005 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत के मामले में पुलिसकर्मियों समेत कुल 23 आरोपियों पर मुकदमा चल रहा है। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया। विशेष सीबीआई जज लोया इस मामले की सुनवाई कर रहे थे।
जज लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पडऩे से उस समय मौत हो गई थी। उनकी मौत उस समय हुई जब वे एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। उनकी मौत को लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गया जब उनकी बहन ने भाई की मौत को लेकर सवाल उठाए थे। बहन के सवाल उठाने के बाद यह मामला काफी दिनों तक मीडिया में छाया रहा। सोहराबुद्दीन केस से उनके जुड़े होने के कारण जज लोया की मौत की परिस्थितियों पर संदेह जताया गया था। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने भी 8 जनवरी को बंबई हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर जज लोया की मौत की जांच कराने की मांग की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले महाराष्ट्र के पत्रकार बी.आर.लोन का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की जरुरत है।