भारतीय मूल के शोधकर्ता विवेक बाजपेयी ने अपनी टीम के साथ एक मेलेनिन जीन की पहचान कर ली है।
मानव कोशिका में मौजूद यह मेलेनिन मनुष्य की त्वचा, बाल और आँख के रंग के लिए उत्तरदायी होता है। भारतीय मूल के अमरीकी शोधकर्ता विवेक बाजपेयी और उनकी टीम ने पिगमेंटेशन यानि रंजकता से जुड़े 135 नए मेलेनिन जीन को तलाश लिया है।
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़ मनुष्यों की त्वचा, बाल और आंखों का रंग मेलेनिन नामक प्रकाश-अवशोषित वर्णक द्वारा तय होता है। संसार में रहने वाले करीब आठ अरब से अधिक लोगों की आँख, त्वचा और बालों के रंग के लिए यही मिलेनिन ज़िम्मेदार होता है।
ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी में प्रमुख लेखक और असिस्टेंट प्रोफेसर विवेक बाजपेयी के मुताबिक़ यह समझने के लिए कि वास्तव में विभिन्न मात्रा में मेलेनिन का उत्पादन क्यों होता है, उन्होंने जेनेटिक रूप से इंजीनियर कोशिकाओं के लिए सीआरआईएसपीआर-सीएएस 9 नामक तकनीक का उपयोग किया। सीआरआईएसपीआर का उपयोग करते हुए उन्होंने व्यवस्थित रूप से लाखों मेलानोसाइट्स से 20 हजार से अधिक जीन हटा दिए और इसका मेलेनिन उत्पादन पर प्रभाव देखा।
भारतीय मूल के शोधकर्ता #VivekBajpai ने अपनी टीम के साथ रंजकता से जुड़े 135 नए मेलेनिन जीन की पहचान की है। https://t.co/d95AdHXbqU
— Navjivan (@navjivanindia) August 12, 2023
मेलानोसोम्स नामक विशेष संरचनाओं के भीतर मेलेनिन का उत्पादन होता है। रिसर्चर का मानना है कि प्रत्येक मनुष्यों में मेलानोसाइट्स की संख्या समान होती है, जबकि उनके द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा भिन्न होने के कारण उसकी स्किन के रंग में भिन्नता होती है।
इस मामले में विवेक बाजपेयी का कहना है कि फ्लो साइटोमेट्री के साइड-स्कैटर नामक प्रक्रिया का उपयोग करके उन्होंने कम या ज्यादा मेलेनिन वाली कोशिकाओं को अलग करने में सफलता पाई। इसके बाद मेलेनिन-संशोधित जीन की पहचान निर्धारित करने के लिए इन अलग कोशिकाओं का विश्लेषण किया गया। और इस तरह से इस टीम के साथ उन्होंने पहले से ज्ञात दोनों जीनों की पहचान की है जो मनुष्यों में मेलेनिन उत्पादन को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।