नई दिल्ली: जीएसटी को लागू करने में बरती गई खामियों से रोजगार, व्यापार खत्म हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार द्वारा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू करने में बरती गई खामियों के कारण रोजगार और व्यवसाय समाप्त हुए हैं. जीएसटी पर कांग्रेस मुख्यालय में बैठक के दौरान मनमोहन सिंह ने इसके त्रुटिपूर्ण क्रियान्वयन पर चिंता जाहिर की. उन्होंने जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने के कारण अर्थव्यवस्था विशेषकर लघु एवं मझोले उद्योगों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया. इस बैठक में मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम, जयराम रमेश और कांग्रेस शासित राज्यों के वित्तमंत्री शामिल थे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि पहली बैठक में राहुल ने पार्टी महासचिवों एवं विभिन्न राज्यों के प्रभारियों के साथ नोटबंदी के बारे में चर्चा की. दूसरी बैठक में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ जीएसटी के बारे में चर्चा की. उन्होंने बताया कि बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी उस टिप्पणी को दोहराया कि नोटबंदी ‘गठित लूटपाट एवं कानूनी डाका’ है. बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि इन दोनों मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी देश का मन नहीं समझ पा रहे हैं. उन्होंने हैरत जताई कि सरकार 8 नवंबर को नोटबंदी का एक वर्ष पूरा होने पर जश्न क्यों मना रही है.
राहुल ने कहा कि नोटबंदी के कारण लोग बुरी तरह परेशान हुए. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी के ‘टॉरपीडो’ को तो झेल गई, लेकिन वह जीएसटी को नहीं बर्दाश्त कर पाई.
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