जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा है कि समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की पहल मोदी सरकार के ध्रुवीकरण के एजेंडे और अपनी विफलताओं को छिपाने का जरिया है।
कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधि आयोग के सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से सलाह मांगने पर मोदी सरकार को फिर निशाने पर लिया है। इस समय सबसे मज़बूत विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस ऐसा कोई अवसान नहीं छोड़ रही जिसपर सत्ता दाल को घेरा न जा सके। इसी क्रम में कांग्रेस ने विधि आयोग के कदम को मोदी सरकार के ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला और अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने वाला करार दिया।
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— Patrika Hindi News (@PatrikaNews) June 15, 2023
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि 22वें विधि आयोग ने यूसीसी की जांच करने के अपने इरादे को अधिसूचित किया है। जयराम रमेश ने इसे अजीब बताते हुए कहा कि विधि आयोग एक नए संदर्भ की मांग कर रहा है। जब उसने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्वीकार किया है कि उसके पूर्ववर्ती 21वां विधि आयोग इस सम्बन्ध में अगस्त 2018 में एक परामर्श पत्र प्रकाशित कर चुका है।
जयराम रमेश आगे यह भी स्पष्ट करते हैं कि 21वें विधि आयोग ने इस विषय पर विस्तृत और व्यापक समीक्षा करने के बाद समान नागरिक संहिता को इस स्तर पर गैरज़रूरी माना था। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विषय पर फिर से विचार करने का कोई ठोस कारण भी नहीं बताया गया है।