विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर में बच्चों को ई-सिगरेट के जाल में फंसाया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ई-सिगरेट के इस्तेमाल से बच्चे निकोटीन के आदी हो रहे हैं।
सोशल मीडिया के जरिए बच्चों के ई-सिगरेट की ओर आकर्षित होने की बात भी कही जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 16,000 से अधिक प्रकार की ई-सिगरेट के फॉलोवर की मार्केटिंग की जा रही है। संगठन का कहना है कि बच्चों को ई-सिगरेट की लत से बचाने के लिए तत्काल उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – WHO ने गुरूवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि युवाओं को आकर्षित करने के लिए स्वास्थ्य के लिए गम्भीर जोखिम उत्पन्न करने वाली ई-सिगरेट की “आक्रामक मार्केटिंग” की जा रही है।
Young people who use e-cigarettes are almost 3X more likely to use cigarettes later in life.
✅Countries that ban sale should strongly enforce those bans
✅Countries that permit e-cigarettes as consumer products should strictly regulate them to prevent uptake by kids and… pic.twitter.com/NeSjCU9YCy— World Health Organization (WHO) (@WHO) December 14, 2023
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, ई-सिगरेट धूम्रपान छोड़ने में बिल्कुल भी मदद नहीं कर रही है और दुनिया भर के 88 देशों में ई-सिगरेट की बिक्री के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया भर में वयस्कों की तुलना में, 13 से 15 वर्ष की आयु के बच्चे ई-सिगरेट का उपयोग अधिक संख्या में कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया के 74 देशों में ई-सिगरेट से संबंधित कोई कानून नहीं है। ई-सिगरेट का बढ़ता उपयोग कैंसर, हृदय, फेफड़े और मानसिक रोगों का कारण भी बन रहा है।
डब्लूएचओ का यह भी कहना है कि ई-सिगरेट की बिक्री रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाने के साथ इसे अमल में लाए जाने की भी ज़रूरत है।