नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के मंत्री अनिल विज के उस बयान से किनारा कर लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी का नाम जुड़ने से खादी की दुर्गति हुई थी। साथ ही विज ने कहा कि अब धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी हटेंगे। bjp
बयान पर बवाल बढ़ता देख विज ने भी यू-टर्न ले लिया और ट्वीट किया कि महात्मा गांधी पर दिया बयान मेरा निजी बयान हैं।
किसी की भावना को आहत ना हो, इसलिए मैं इसे वापिस लेता हूं।
विज के बयान पर सफाई देने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी सामने आए।
खट्टर ने कहा कि ये उनका निजी बयान है। पार्टी का इससे कोई मतलब नहीं है।
गांधी देश के आदर्श हैं। गांधी के कारण रुपये में गिरावट नहीं आई।
मोदीजी ने चरखा चलाया वो खादी के प्रमोशन के लिए हूं। ये प्रतीक के रूप में है, इसका मतलब ये नहीं कि कोई गांधीजी को रिप्लेस कर रहा है।
बीजेपी के श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बीजेपी अनिल विज के बयान की कड़ी निंदा करती है। ये उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है और पार्टी का इससे कोई मतलब नहीं है। महात्मा गांधी हमारे आइकन है।
वहीं महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने इसे अभियान बताया। तुषार गांधी ने कहा कि ये पार्टी हेडक्वार्टर और आरएसएस की तरफ से चलाया जाने वाले अभियान है। खादी कोई प्रोडक्ट नहीं, एक विचारधारा है।
प्रधानमंत्री गाँधी जी के बारे में बोलते हैं, लेकिन ऐसा बोलने वालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते।
सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने भी विज के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये वही विचारधारा है, जिसने गांधीजी को मारा। सबसे पहले उन्होंने इस देश से गांधी का सफाया किया और अब वो उन्हें करेंसी से भी हटाना चाहते हैं।
कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों से ऐसे ही आपत्तिजनक और ऊटपटांग बयानों की उम्मीद कर सकते हैं।
ये था अनिल विज का बयान
विज कहा कि गांधी का नाम ऐसा है जिसके जुड़ने से खादी डूब गई है। मोदी उनसे बेहतर ब्रांड हैं इसलिए अच्छा है कि गांधी की बजाय मोदी का फोटो लगा है। गांधी का नाम तो नोटों पर है जिससे रुपये की डिवैल्यूएशन हो गई है।
जब विज से पूछा गया कि सरकार ने नए नोटों पर गांधी को क्यों रखा है इसपर विज ने कहा कि वो भी हट जाएंगे धीरे-धीरे।