बंगलुरू: अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण की मध्यस्थता कर रहे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पूर्व सदस्य सलमान नदवी के बाद अब राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण न्यास अयोध्या के ”समझौता वार्ता प्रभारी” अमरनाथ मिश्रा को झटका लगा है।
अब आर्ट आफ लिविंग ने मिश्रा से पल्ला झाड़ लिया है। संस्था की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में साफ कहा गया है कि अमरनाथ, श्री श्री रविशंकर और उनकी संस्था से किसी तरह से नहीं जुड़े हैं और न ही उनके कोई प्रतिनिधि हैं।
संस्था के निदेशक गौतम विज ने अपने जारी बयान में कहा है कि जो कोई अयोध्या मसले को शांति पूर्वक सुलझाने में सहयोग करना चाहता है, संस्था उसका स्वागत करती है। गुरुदेव सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसका समाधान करना चाहते हैं। शुरू से ही हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। श्री श्री रविशंकर के मुताबिक न्यायालय के बाहर अयोध्या विवाद का “सौदे या संघर्ष से नहीं, सौहार्द से हल निकालना होगा।” देश की एकता और शांति के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इस विषय को समुदाय के लोग साथ बैठकर आपसी भाईचारे के माहौल में सुलझाएं।
उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व इस अच्छी पहल को नाकाम करने और अविश्वास पैदा करने के लिए हर तरह के पैंतरे लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि श्री मिश्रा लखनऊ भ्रमण के दौरान श्री श्री रविशंकर के साथ अयोध्या भी गए थे। तब सियासी हलकों में चर्चा उठी थी कि वह श्री श्री की संगत के आड़ में खुद की हैसियत चमकाने में लगे हैं। बीते दिन ही उन्होंने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य रहे सलमान नदवी के खिलाफ हसनगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने नदवी पर मंदिर—मस्जिद विवाद को सुलझाने के एवज में करोड़ो रूपये मांगने का आरोप लगाया था।