वन विभाग अब उत्तर प्रदेश की सड़कों के किनारे वृक्ष लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विभाग अगले मानसून सीजन में फलदार पौधे लगाने के लिए खाली सरकारी जमीन चिह्नित कर रहा है।
इस समय वन विभाग की नर्सरी में करीब 11 करोड़ से ज़्यादा पौधे उपलब्ध हैं। इस योजना के पीछे सरकार की मंशा है कि इन पेड़ों से बंदर सहित अन्य जानवरों को आहार मिले सकेगा।
हिंदी दैनिक अमर उजाला की एक खबर के अनुसार, वन बल प्रमुख सुनील चौधरी द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि उनकी नर्सरियों में इस समय 45.37 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं। इनमें से 25 प्रतिशत यानी 11.12 करोड़ पौधे फलदार हैं। साथ ही सभी डीएफओ को न्यूनतम 20 प्रतिशत फलदार पौधे लगाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने आगामी मानसून सत्र में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य वन विभाग के अलावा भी विभिन्न विभागों को दिया है।
इस मुहिम के माध्यम से जहाँ एक ओर बंदर सहित कई जानवरों को आहार मिलेगा, वहीं किसानों को भी राहत मिलेगी। योजना के मुताबिक़, प्रदेश में नदियों और सड़कों के किनारे आम, जामुन, आंवला, इमली, बेल, सहजन, शहतूत, जंगल जलेबी, बेर, कैथा, बहेड़ा और महुआ के पौधे लगते जाएंगे। इसके लिए सात करोड़ से अधिक फलदार पौधे लगाए जाने का प्रस्ताव है।
गौरतलब है कि 1990 के शासनादेश के अनुसार, मानसून सीजन में रोप जाने वाले पौधों का 20 प्रतिशत हिस्सा फलदार होगा। बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने आगामी मानसून सत्र में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य वन विभाग के अलावा भी विभिन्न विभागों को दिया है।