नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के विधानसभा और राष्ट्रीय चुनाव के बीच बढ़े वोटर्स का मुद्दा लोकसभा में उठाया है। उनका कहना है कि कुछ महीनों की अवधि में ही राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर मतदाताओं की संख्या बढ़ गई। इस आधार पर राहुल ने निर्वाचन आयोग से प्रदेश के विपक्षी दलों को मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने की बात कही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में शिरकत करते हुए राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया कि वह आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए।
राहुल का कहना था- ‘‘मैं इस सदन का ध्यान महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े कुछ डेटा की ओर खींचना चाहता हूं। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच, हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के बराबर लोगों को महाराष्ट्र की मतदान सूची में जोड़ा गया। लगभग 70 लाख नए वोटर अचानक आ गए।’’
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में जितने वोटर 5 साल में नहीं जुड़े, उससे ज्यादा 5 महीने में जुड़ गए। उन्होंने शिरडी की एक इमारत में 7000 वोटर जोड़े जाने की बात कही। राहुल ने इसे दिलचस्प बताया कि नए वोटर अधिकतर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जुड़े जहां बीजेपी को बढ़त मिली।
राहुल ने तर्क देते हुए अपनी बात जारी रखी और कहा कि महाराष्ट्र में जितने वोटर पांच साल में नहीं जुड़े, उससे ज्यादा वोटर पांच महीने में जुड़ गए। आगे राहुल गांधी ने दावा किया कि शिरडी की एक इमारत में 7,000 वोटर जोड़े गए।
राहुल ने इसे दिलचस्प बताया कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जुड़े जहां बीजेपी को बढ़त मिली। इस हवाले से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र चुनाव का डेटा, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) को उपलब्ध कराने की बात दोहराई।
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर पहले भी कांग्रेस सहित शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने निर्वाचन आयोग से ‘मतदाताओं की संख्या’ में इज़ाफ़े को लेकर जवाब मांगा था।
इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने दिसंबर में कहा था कि राज्य में मतदाताओं के नाम न तो मनमाने ढंग से जोड़े गए हैं और न ही हटाए गए हैं।