कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अब खत्म होने वाली है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में बीते एक माह से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे। राज्य सरकार ने डाक्टरों की 15 मांगों में से 10 मान ली है। शनिवार से इन डाक्टरों की काम पर वापसी हो रही है।
ख़बरों के मुताबिक, जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल खत्म करने के बाद से गतिरोध खत्म हो जाएगा। नाराज़ जूनियर डॉक्टर शनिवार से काम पर लौटेंगे। हालांकि, इसके बाद भी ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी। इस पर डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं बहाल रखने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की 15 में से 10 मांगों को मान लिया है। जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को नबन्ना में मुख्य सचिव से चर्चा के बाद पंद्रह मांगों का ई-मेल किया था। इसके जवाब में स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने ईमेल करके राज्य प्रशासन की तरफ से 10 मांगों को पूरा करने पर सहमति दे दी है।
शनिवार को ड्यूटी पर वापसी कर रहे जूनियर डॉक्टर पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए ‘अभया क्लीनिक’ चलाएंगे साथ ही इनका कहना है कि काम पर वापसी का यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है।
खबर है कि शुक्रवार दोपहर से जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च करेंगे। धरना वापस लेने के बाद डॉक्टर शनिवार से काम पर वापसी करेंगे।
याद दिला दें कि 9 अगस्त को ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे। बीते 11 दिनों से यह धरना सॉल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के सामने जारी था। हालाँकि डाक्टरों ने हड़ताल वापस लेने की बात कही है मगर आंदोलन जारी है।
डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार के सभी वादों को लागू करने के लिए वे एक सप्ताह तक इंतजार करेंगे। यदि वादे पूरे नहीं हुए तो वे फिर से काम बंद कर देंगे।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली सहित देश के बाक़ी हिस्सों के डॉक्टर काम पर वापस लौट गए थे, लेकिन पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स लगातार आंदोलन पर डटे रहे।