आज दुनिया भर में विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जा रहा है। आज के दिन को 19 अगस्त 2010 को विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में नामित किया गया था।
प्रत्येक वर्ष विश्व फोटोग्राफी दिवस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक वैकल्पिक थीम रखी जाती है। इस बार साल 2024 की थीम है- ‘एक संपूर्ण दिन’।
पहली बार 19 अगस्त 2010 को विश्व फोटोग्राफी दिवस के दिन तकरीबन 270 फोटोग्राफरों ने अपनी तस्वीरें एक वैश्विक ऑनलाइन गैलरी की मदद से साझा की थीं। इस ऑनलाइन गैलरी को 100 से ज्यादा देशों में देखा गया। इस आयोजन के साथ ही पहला आधिकारिक विश्व फोटोग्राफी दिवस अस्तित्व में आया।
आज ही के दिन 1839 में फ्रांस की सरकार ने डागुएरियोटाइप प्रक्रिया के लिए पेटेंट खरीदा था। फ्रांस की सरकार ने डागुएरियोटाइप प्रक्रिया के आविष्कार को दुनिया के लिए एक मुफ्त उपहार कहा था।
हालाँकि आज के दौर के सबसे प्रचलित कैमरे स्मार्ट फोन, डिजिटल कैमरा, डीएसएलआर, मिररलेस कैमरा और फिल्म कैमरा आदि हैं मगर यहाँ तक का कैमरे का सफर भी बहुत दिलचस्प रहा है।
लगभग दो शताब्दी पहले, लुई डागुएरे और जोसेफ नेपसे ने डागुएरियोटाइप बनाया, जो आज फोटोग्राफी का कार्यशील मॉडल है।
विश्व फोटो दिवस की शुरुआत डागुएरियोटाइप के आविष्कार से हुई, जो 1837 में फ्रांसीसी लुइस डागुएरे और जोसेफ नाइसफोर नीप्स द्वारा विकसित एक फोटोग्राफिक प्रक्रिया है। फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 9 जनवरी 1839 को डागुएरियोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की।
फ्रांस की सरकार ने 19 अगस्त को पेटेंट खरीदा और इस आविष्कार को “दुनिया के लिए मुफ्त” उपहार के रूप में घोषित किया। जिससे व्यावसायिक फोटोग्राफी की शुरुआत हुई। बाद में 1839 में हेनरी फॉक्स ने इस फोटोग्राफिक प्रक्रिया को और सरल बनाया।
फोटोग्राफी का इतिहास भी बड़ा ही दिलचस्प है। पहली तस्वीर निसेफोर नीप्स ने कागज के एक टुकड़े पर सिल्वर क्लोराइड कोटिंग के ज़रिए बनाई थी।
यह तस्वीर पूरी तरह से इस लिए काली पड़ गई क्योंकि उन्हें तस्वीर को संरक्षित करने के लिए कागज से सिल्वर क्लोराइड हटाने का कोई तरीका नहीं मालूम था। बताते चलें कि यह ऑब्स्क्युरा कैमरा आज भी मौजूद है।
इसके बाद 1861 में पहली टिकाऊ रंगीन तस्वीर थॉमस सटन ने ली। यह तस्वीर लाल, हरे और नीले रंग के फिल्टर की मदद से ली गई तीन ब्लैक-एंड-व्हाइट तस्वीरों का एक सेट था।
यह प्रयोग भी बहुत कामयाब नहीं रहा। उस समय प्रयोग किए गए फोटोग्राफिक इमल्शन स्पेक्ट्रम के प्रति असंवेदनशील थे, जिसके नतीजे अधूरे रहे।
कोडक के इंजीनियर द्वारा पहला डिजिटल कैमरे के आविष्कार से करीब दो दशक पहले 1957 में पहली डिजिटल तस्वीर ली गई। इस का रिजॉल्यूशन 176×176 है। यह फोटो शुरुआत में फिल्म पर लिए गए शॉट का डिजिटल स्कैन है, जिसमें रसेल किर्श के बेटे को दिखाया गया है।
आज की दुनिया के डिजिटल कैमरे इतिहास की तमाम जटिलताओं को पीछे छोड़ चुके हैं। आज पल भर में हजारों की संख्या में फोटो प्रिंट निकालना मुमकिन है। इसके बावजूद आज का दिन इन तरक्की के इतिहास की याद दिलाता है।