केंद्र सरकार ने प्रसारण सेवा विधेयक वापस लेते हुए कहा है कि प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक का नया मसौदा जारी किया जाएगा।
पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 का मसौदा जारी किया था। इस विधेयक का उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र के लिए एक समेकित कानूनी ढांचा लाने के साथ ओटीटी सामग्री, डिजिटल समाचार और समसामयिक मामलों को इसके दायरे में लाना था।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया मच एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा है- ‘मंत्रालय मसौदा विधेयक पर हितधारकों के साथ परामर्श की एक सीरीज आयोजित कर रहा है। 15 अक्तूबर 2024 तक टिप्पणियां, सुझाव मांगने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। विस्तृत परामर्श के बाद एक नया मसौदा प्रकाशित किया जाएगा। मंत्रालय प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के मसौदे पर काम कर रहे हैं।’
इस पोस्ट के मुताबिक़, अब दूसरा मसौदा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद जारी किया जाएगा। इस संबंध में 15 अक्तूबर तक सुझाव मांगे गए हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मसौदे को संसद के मौजूदा सत्र में प्रस्तावित किया था। मसौदे के प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करते हुए मीडिया संगठनों का कहना था कि यह डिजिटल मंच पर सामग्री को विनियमित और सेंसर करने के लिए बहुस्तरीय कानूनी प्रणाली बनाने का प्रयास करता है।
इसमें दावा किया गया था कि इस मामले में डिजिटल मीडिया संगठनों और नागरिक समाज संघों से परामर्श नहीं किया गया है।
सरकार की ओर से पेश किए गए मसौदे की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया तथा डिजीपब जैसे मीडिया निकायों ने आलोचना की थी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक़, ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (रेगुलेशन) बिल के ड्राफ्ट पर काम जारी हैं। इस विधेयक के ड्राफ्ट को हितधारकों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था।
इसमें आगे कहा गया था कि विभिन्न हितधारकों की ओर से कई सिफारिशें, टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए थे। इस विषय पर मंत्रालय विधेयक के ड्राफ्ट पर हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।
आगे बताया गया कि सुझाव और टिप्पणियों के लिए 15 अक्टूबर, 2024 तक के लिए समय दिया जा रहा है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद बिल का एक नया ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा।