चंडीगढ़ में मंगलवार को होने वाले चुनाव में अधिकारी द्वारा मतपत्रों से छेड़छाड़ की बात सामने आई है। इसमें विपक्ष के आठ वोटों को इनवैलिड किये जाने का मामला तूल पकड़ रहा है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को विजयी घोषित करने के साथ विपक्ष के आठ वोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया। भाजपा के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले। विपक्षी कांग्रेस तथा आप के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को जो मान्य वोट मिले हैं उनकी संख्या 12 है।
एक वायरल वीडियो पर प्रीसाइडिंग ऑफिसर की भूमिका विवादस्पद हो गई है जिसे देखने के बाद चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। इन नतीज़ों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
मामले पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि चंडीगढ़ का मेयर चुनाव लोगों के लिए आखिरी चेतावनी होनी चाहिए कि कैसे सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है।
The Chandigarh Mayor's election should be the last warning to the people on how power can be abused
What happened in Bihar was no different from what happened earlier in Karnataka, Madhya Pradesh, Arunachal Pradesh, Manipur and Maharashtra.
The people's verdict is of no…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 31, 2024
सोशल मीडिया साइट पर उन्होंने लिखा- “ बिहार में जो हुआ वह पहले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और महाराष्ट्र में जो हुआ उससे अलग नहीं है। बीजेपी और आरएसएस के लिए लोगों के जनादेश के कोई मायने नहीं रह गए हैं।”
चंडीगढ़ मेयर चुनाव: संख्या बल आप और कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन चुनाव बीजेपी कैसे जीत गई? https://t.co/oi9SoFdk1E
— BBC News Hindi (@BBCHindi) January 31, 2024
गौरतलब है कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में इंडिया गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इसे लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के भाजपा से पहले मुक़ाबले की तरह देख रही थी। मगर मेयर चुनाव के नतीजे घोषित किये गए तो जीत भाजपा की हुई।
इस पर विपक्षी दलों का आरोप है कि अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशान बनाए, इन आठ वोटों को बाद में आमान्य क़रार दिया गया।