टाइटन नाम की जो पनडुब्बी ने इस समय सारी दुनिया में चर्चा बनी हुई है उसका निर्माण ओशनगेट कम्पनी ने किया था।
पिछले दिनों पनडुब्बी उस समय चर्चा में आ गई जब ये अपने 5 यात्रियों सहित लापता हो गई थी। दुनियाभर की एडवांस तकनीक के सहारे चले सर्च ऑपरेशन के बाद पता चला कि पनडुब्बी में बैठे पायलट सहित पांचों अरबपतियों की मौत हो गई है।
टाइटन पनडुब्बी करोड़ों रुपये की कीमत वाले टिकट पर अपने यात्रियों को अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने समुद्र में हजारों फीट गहराई तक लेकर जाती रही है। इससे पहले भी इस यात्रा में सैलानी टाइटैनिक का मलबा देखने गए और सकुशल लौटे मगर इस बार किस्मत ने इन यात्रियों का साथ न दिया।
सफर के दौरान नष्ट हो जाने वाली इस पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी के सीईओ की भी मौत हो गई। जानते हैं कि टाइटन नाम की इस पनडुब्बी का निर्माण कैसे हुआ।
वर्ष 2009 में अमेरिकी एडवेंचर और पूर्व निवेशक बैंकर स्टॉकटन रश ने ओशन गेट कंपनी स्थापित की थी। ओशन गेट कंपनी का हेडक्वार्टर अमेरिका के वाशिंगटन में है। एक रोमांचकारी यात्रा के तहत कंपनी पनडुब्बी में बैठाकर यात्रियों को टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने का काम करती थी।
ओशनगेट एक्सपेडीशंस अपनी पनडुब्बी टाइटन के ज़रिये अटलांटिक महासागर में समुद्र तल पर पड़े टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने के लिए इस यात्रा को संचालित करती थी। समुद्र की गहराई में डूबे ऐतिहासिक जहाज टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए ये कंपनी प्रति व्यक्ति 250,000 अमेरिकी डॉलर वसूल करती थी जिसकी कीमत भारतीय रक़म के अनुसार तकरीबन 20,488,800 होती है। आठ घंटे की इस यात्रा में पनडुब्बी यात्रियों को 12,500 फीट नीचे लेकर जाती थी।
पनडुब्बी का कनेक्शन टूटने के बाद से ही कंपनी ने सर्च अभियान शुरू कर दिया था। इस सर्च अभियान में कंपनी ने करोड़ों डॉलर खर्च कर दिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सर्च अभियान में ओशियन गेट कंपनी ने 6.5 मिलियन डॉलर से अधिक का खर्च कर दिया है। क्योंकि ओशनगेट एक्सपेडीशंस अपने एक यात्री से करोड़ों रुपये वसूल करती है, ऐसे में प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्पनी की सालाना आय 9.9 मिलियन डॉलर बताई जा रही है।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल 1912 को अटलांटिक महासागर में डूबने वाले ऐतिहासिक जहाज में करीब डेढ़ हजार लोगों की जान चली गई थी। इसमें 2200 यात्री सवार थे। साल 1985 में इस जहाज के मलबे का पता लगा था। ओशियन गेट कम्पनी एक रोमांचरी यात्रा के माध्यम से दुनिया के अरबपतियों को इस जहाज़ के मलबे को दिखने का बीड़ा उठाये थी।
इसी माह 18 जून को ओशनगेट की एक पनडुब्बी टाइटन टाइटैनिक के सफर पर निकली। इसे कनाडा के न्यूफ़ाउंडलैंड में सेंट जॉन्स के दक्षिण में 700 किलोमीटर दूर डूबे हुए जहाज़ टाइटैनिक का मलबा देखने जाना था। इस पनडुब्बी का संपर्क महज एक घंटे 45 मिनट में टूट गया। गुरुवार देर रात तक साफ़ हो गया कि इन यात्रियों की ज़िंदगी की कोई उम्मीद करना बेकार है। बदकिस्मती से जहाज का मलबा देखने के लिए गए ओशनसेट एक्सपीडिशंस के सीईओ स्टॉकटन रश सहित पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान और ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग के साथ पनडुब्बी के पायलट की मौत हो गई।