किसानों के नेशनल मोर्चा की आज कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई. नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगा. हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है.
कुछ दल किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रहेः मोदीनेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगाकृषि मंत्रालय ने समाधान के लिए किसानों को फिर लिखी चिट्ठीसमस्या को हल करने को सरकार राजी नहींः एआईकेएससीसी
पी एम मोदी ने 18000 करोड़ की किसान निधि की क़िस्त जारी कर दिया है। ये निधि सीधे किसानों के खाते में जा रही है।
इस अवसर पर पी एम मोदी ने किसानों से संवाद भी किया। आंदोलनरत किसानों से सरकार से वार्ता करने के लिये कहा।
किसान संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी को लेकर प्रतिक्रिया देने के लिए कल शनिवार को बैठक करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है और आंदोलन को मुद्दे से भटकाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक किसानों के नेशनल मोर्चे की आज कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई. नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगा. हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने आज शुक्रवार को कहा कि सरकार जानबूझकर किसानों की ‘तीन कानून और बिजली बिल’ वापसी की मांग को ‘नहीं पढ़ रही’ और वह ‘अन्य मुद्दों’ की मांग कर रही है. किसानों के जवाब में स्पष्ट लिखा था कि सवाल कानून वापसी का है, सुधार का नहीं है.
एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप ने सरकार द्वारा किसानों की ‘तीन कृषि कानून’ और ‘बिजली बिल 2020’ को रद्द करने की मांग को पहचानने तक से इंकार करने की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार इसे हल नहीं करना चाहती. 24 दिसंबर को सरकार के पत्र में ‘3 दिसंबर की वार्ता में चिन्हित मुद्दों’ का बार-बार हवाला है, जिन्हें सरकार कहती है, उसने हल कर दिया है और वह उन ‘अन्य मुद्दों’ की मांग कर रही है, जिन पर किसान चर्चा करना चाहते हैं. सरकार ने जानबूझकर उनकी मांग को नजरंदाज किया. पिछले 7 माह से चल रहे संघर्ष, जिसमें 2 लाख से अधिक किसान पिछले 29 दिन से अनिश्चित धरने पर बैठे हैं, लेकिन समस्या को हल करने को सरकार राजी नहीं है.