नई दिल्ली । बेरोजगारी अब भी देश की सबसे बड़ी समस्याओं में शुमार है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 में बेरोजगारी दर कुल वर्क फोर्स (48 करोड़) की 3।8 फीसदी रही।
नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक 2011-12 में भारत की बेरोजगारी दर कुल वर्क फोर्स (47।41 करोड़) की 2।2 फीसदी थी। अप्रैल में आए लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में 1।35 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए, जो पिछले छह सालों में सबसे कम है।
सबसे खराब था अक्टूबर-दिसंबर 2015 का समय
प्रत्येक तिमाही के लिए टेक्सटाइल, लेदर, मेटल्स, ऑटोमोबाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, ट्रांसपोर्ट, आईटी/बीपीओ और हैंडलूम/पावरलूम जैसे चुनिंदा आठ सेक्टरों के आंकड़े एकत्रित करने वाले लेबर ब्यूरो के मुताबिक रोजगार के अवसरों के लिहाज से पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर की अवधि सात सालों में सबसे खराब रही।
बेरोजगारी दर
वह आंकड़ा जो कुल वर्क फोर्स की तुलना में बेरोजगार लोगों की संख्या दर्शाता है।
ऐसे पिछड़ रहे हैं हम
साल जॉब के अवसर
2013 4.19 लाख
2014 4.21 लाख
2015 1.35 लाख