पूर्व सोवियत संघ के अंतिम नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ ने अमेरिकी सैनिकों की अफ़ग़ानिस्तान में मौजूदगी को विश्व के समस्त देशों के लिए ख़तरा बताया है।
उन्होंने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से साक्षात्कार में अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिकी सैनिकों को पीछे हटना चाहिये और यह असली दर्स है। गोर्बाचोफ़ ने कहा कि जब एक विवाद में कई देश शामिल हो जाते हैं तो वह विवाद समस्त देशों के लिए ख़तरा हो जाता है।
पूर्व सोवियत संघ के अंतिम नेता ने कहा कि वक्ता, राजनेता और लोग समझते हैं कि नया शीत युद्ध आरंभ नहीं होना चाहिये क्योंकि यह युद्ध वास्तविक युद्ध में परिवर्तित हो सकता है और इसका अर्थ समस्त मानव सभ्यता की समाप्ति है।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2001 में अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान पर सैनिक चढ़ाई की थी और उस वक्त से लेकर अब तक 2400 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे जा चुके हैं और 20400 से अधिक दूसरे अमेरिकी सैनिक घायल हो चुके हैं।
अमेरिका और उसके घटक देशों ने तालेबान और आतंकवाद से मुकाबले के बहाने वर्ष 2001 में अफ़ग़ानिस्तान पर हमला किया था परंतु न केवल अफ़ग़ानिस्तान से आतंकवाद खत्म नहीं हुआ बल्कि असुरक्षा में वृद्धि हो गयी है और मादक पदार्थों की खेती दो बराबर से अधिक हो गयी है।
अफ़गान जनता का मानना है कि उनके देश में अमेरिका और उसके घटक देशों की सेनाओं की मौजूदगी बहुत सी समस्याओं की जड़ है और जिस दिन ये सैनिक अफ़ग़ानिस्तान से चले जायेंगे उसी दिन बहुत सी समस्याओं का अंत हो जायेगा और अफ़ग़ानिस्तान शांति एवं विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।