अगर किसी ने ईरान के ख़िलाफ़ लड़ाई शुरू की तो वह उस युद्ध को समाप्त करने वाला नहीं होगाः ज़रीफ़
विदेश मंत्री ने ईरान के ख़िलाफ़ अमरीका के आर्थिक युद्ध की तरफ़ इशारा करते हुए कहा है कि पश्चिम एशिया के क्षेत्र में तनाव की कमी की एकमात्र राह आर्थिक युद्ध की समाप्ति है।
मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने सोमवार को तेहरान में जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास के साथ एक संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में कहा कि ईरान के ख़िलाफ़ अमरीका का आर्थिक युद्ध, संसार के लिए अत्यंत ख़तरनाक है और इस बात की आशा नहीं रखी जानी चाहिए कि जिन लोगों ने ईरान की जनता के ख़िलाफ़ आर्थिक युद्ध शुरू किया है और उसका निर्देशन कर रहे हैं, सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अगर किसी भी देश ने ईरान की जनता के ख़िलाफ़ कोई भी कार्यवाही की तो उसे अत्यंत ठोस जवाब दिया जाएगा। ज़रीफ़ ने कहा कि ईरान ने कभी भी कोई भी युद्ध आरंभ नहीं किया लेकिन अगर किसी ने ईरान के ख़िलाफ़ लड़ाई शुरू की तो वह उस युद्ध को समाप्त करने वाला नहीं होगा।
विदेश मंत्री ने इसी तरह इस बात पर बल देते हुए कि आईएईए की 15 रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि ईरान ने अपने अंतर्राष्ट्रीय वचनों का पालन किया है, कहा कि ईरान जितना अंतर्राष्ट्रीय कटिद्धताओं के पालन के लिए वचनबद्ध है उतना ही अपनी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए भी वचनबद्ध है। मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने इराक़ के तानाशाह सद्दाम के समर्थन, बैतुल मुक़द्दस और गोलान हाइट्स पर अवैध क़ब्जे़ को औपचारिक रूप से स्वीकार करने, आतंकी गुटों के समर्थन और यमन के असैनिकों पर बमबारी में मदद करने जैसे अमरीका के अपराधों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि ईरान सात हज़ार साल से पश्चिमी एशिया के क्षेत्र में मौजूद है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अमरीका इस क्षेत्र में क्यों मौजूद है और तनाव पैदा कर रहा है?
इस पत्रकार सम्मेलन में जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि पश्चिमी एशिया के क्षेत्र के बाहर से इस क्षेत्र पर प्रभाव डालने के कारण इस क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हो रही है, कहा कि पश्चिमी एशिया के क्षेत्र में इस समय जो तनाव पाया जा रहा है वह अत्यंत ख़तरनाक है। उन्होंने इसी तरह जर्मनी, ब्रिटेन तथा फ़्रान्स की ओर से परमाणु समझौते के समर्थन पर बल देते हुए कहा कि इस समझौते से अमरीका के निकल जाने के कारण, समझौते के अंतर्गत ईरान के लिए निर्धारित आर्थिक लाभ उसे प्राप्त नहीं हो सके इस लिए यूरोप इस बात की कोशिश कर रहा है कि ईरान के साथ व्यापार और उसकी आर्थिक प्रगति का मार्ग समतल हो जाए।